वारदातों की बाढ़ से हुआ पुलिस कप्तान का स्वागत
रिपोर्ट-सुल्तान आब्दी
झांसी। नवागन्तुक पुलिस कप्तान ने हाल ही में करीब दो सप्ताह पूर्व चार्ज संभालते ही अपराधियों ने ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दिया है। हालांकि अपनी तेज तर्रार छवि को कायम रखने वाले एसएसपी ने आते ही अपराध व अपराधियों पर शिकंजा कसने व एक माह के अन्दर जनपद की तस्वीर बदलने की बात कही थी। इसके प्रयास के लिए उन्होंने थानेदारों के भी पेंच कसे। उसके इतर आधा दर्जन के करीब बड़ी वारदातों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इन वारदातों ने कहीं न कहीं कप्तान के अधीनस्थों की कार्यप्रणाली पर संवालिया निशान भी खड़े कर दिए हैं।
बीते 29 नवम्बर को नवागंतुक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा.ओपी सिंह ने जनपद का पदभार ग्रहण किया था। पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने एक माह में जनपद की तस्वीर बदलने का दावा किया था। अपराधियों व अपराध पर शिकंजा कसते हुए उन्होंने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही एक खुलासा करते हुए अपनी मंशा जाहिर की थी,किन्तु उसके बाद से जनपद में लगातार अपराधों की बाढ़ सी आ गई। सर्वप्रथम जनपद के अति संवेदनशील कहे जाने वाले क्षेत्र मऊरानीपुर में चोरी की घटनाओं और सत्तारुढ़ दल के एक विधायक के करीबी कहे जाने वाले एक गुर्गे द्वारा एक वरिष्ठ व्यक्ति को चप्पलों से सरेराह पीटना प्रभारी प्रेमचंद के कस्बे के प्रेम से बेदखल कर गया। आनन फानन रात में ही कप्तान ने उन्हें लाइन का रास्ता दिखाते हुए कटेरा थाना प्रभारी को वहां चार्ज संभालने भेजा था। उसके बाद नगर के सबसे अहम माने जाने वाले नवाबाद थाना क्षेत्र स्थित चर्चित बीकेडी चौराहे पर सेण्ट्रल बैंक में चोरी के असफल प्रयास ने कप्तान की त्यौरियां चढ़ने पर मजबूर कर दिया था। उन्होंने नवाबाद प्रभारी को इसके लिए फटकार भी लगाई थी। अल्टीमेटम के बाद यह माना जा रहा था कहीं नवाबाद प्रभारी पर भी कप्तान का कहर न टूट जाए। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। लेकिन उसके तुरंत बाद नगर का सबसे शांत थाना क्षेत्र माना जाने वाल सदर बाजार भी अशांत हो गया। वहां व नवाबाद क्षेत्र में एक ही रात में दो कारों के शीशे तोड़कर लाखों की नगदी पार कर दी गई। बीते रोज तो तब हद हो गई जब बरुआसागर थाना क्षेत्र के तैंदोल गांव में चुनावी रंजिश सड़क पर आ गई। खूनी संघर्ष में हुई फायरिंग के दौरान आधा दर्जन से अधिक लोग अस्पताल जा पहुंचे। हालांकि एसएसपी ने प्रथम दृष्टया इसे फायरिंग नहीं माना था। अपने बयान में उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का भी आश्वासन दिया था। अभी फायरिंग की घटना की राख ठण्डी भी नहीं हुई थी कि थाना व कस्बा चिरगांव के एक व्यापारी अनिल जैन के घर लाखों की डकैती को अंजाम दे दिया गया। लगातार 15 दिनों में हुई ताबड़तोड़ घटनाओं ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर पुलिस कप्तान महीने भर में जनपद की कौन सी तस्वीर पेश करना चाहते हैं। साथ ही अधीनस्थों की कार्यप्रणाली भी सवालों के कटघरे में खड़ी नजर आ रही है। आखिर पूर्व कप्तान के समय ये अपराधी किन अपराधों में लिप्त रहते थे कि उन्हें घटना को अंजाम देने की फुरसत ही नहीं मिलती थी।
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