कोचिंग सेंटरो के बाहर रहता है मजनुओं का जमावाडा
झाँसी: विद्यालयों में अध्ययन न करने के अभाव में छात्र-छात्रायें कोचिंग सेंटरो का सहारा ले रहे हैं, परंतु कोचिंग सेंटरों पर पढऩे वालों के अलावा मजनुओं की संख्या अधिक रहती है जिसकी वजह से आए दिन कोई न कोई घटना घटित होती है इसको लेकर एंटी रोमियो स्क्वायड, कोबरा और 100 डायल आंखे मूंदे हुए है जबकि यह एक गंभीर समस्या है।
झांसी के स्टेशन रोड, इलाहाबाद बैंक चौराहा से सदर रोड, आतियातालाब, पचकुईंयां, 48 चैम्बर के नजदीक, आर्य कन्या इं.कालेज के अलावा कई जगहों पर कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं जहां छात्र-छात्राओं का जमावाड़ा लगा रहता है इनको परेशान करने के लिए आपराधिक तत्व और मजनू मंडमडाराते रहते है जैसे उनका साम्राज्य स्थापित हो गया हो इतना हीं नही तीव्र गति से चार व दोपहिया वाहन तेज गति से आते है और कभी कभी गति असंतुलित होने की वजह से मुंह हाथ तोड़ बैठते है। यह शहर की एक प्रमुख समस्या बनती जा रही है। चूंकि अधिकांश कोचिंग सेंटरों के बाहर वाहन खडे करने की जगह नहीं है और वो वाहनो को सडको पर लगवा देते है और जब कोचिंग क्लास छूटती है तो पूरा कुंभ का मेला नजर आता है इसका फायदा अपराधी उठाने से चूंकते नहीं है। कई तरह की वों छींटाकशीं करते है जिनका जबाब पढऩे वाली छात्राएं देना उचित नहीं समझती है। चूंकि कोचिंग क्लासेस सुबह और शाम लगती है और उनको समय पता रहता है इन समय में पुलिस भी व्यस्त रहती है, पूरे शहर का भार पुलिस के कंधो पर वह कहां जाए कहा न जाये इस व्यवस्था में पूरा दिन व्यतीत हो जाता है।
जो आपराधिक, आवारा और मजनु की श्रेणी में छात्र आते है उनका काम ही पढ़े लिखे छात्र-छात्राओं को अपना जैसा बनाने का रहता है इसीलिए भोर होते ही वो कोचिंग सेंटरो के बाहर मंडमडारने लगते है। आखिरकार प्रशासन द्वारा इन पर कार्यवाही किस आधार पर नहीं की जाती है। कार्यवाही के अभाव में इनके हौसले दिन प्रतिदिन बढते जा रहें है। जबकि कई अभिभावक ऐसे माहौल में अपनी स्यानी बेटियों को सुरक्षित करने के लिए परेशान रहते है। चूंकि स्टेशन रोड एवं शहर के कुछ अन्य क्षेत्र जो कि कोचिंग हब बनते जा रहें है और कोचिंग वाले भी इसका पर्याप्त फायदा उठाने से चूंकते नहीं है। अभी कुछ समय पहले एक चारपहिया वाहन छेड़छाड़ के चक्कर में टकरा गया था वों तो मां-बांप के अच्छे संस्कार थे कि वों सारे लोग सुरक्षित बच गए। हालांकि पुलिस मौंके पर पहुंची और पुलिस ने चैन की सांस ली कि कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई। जनहित में जिला व पुलिस प्रशासन से मांग की जाती है कि वो अपना ध्यान इस ओर आकर्षित करें ताकि कोचिंग में पढऩे वाली छात्राओं को जो समस्या पैदा होती है उससे निजात मिल सके।
नाजमा आबदी झांसी
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