जाति धर्म के आधार पर बाँट कर बच्चों शिक्षा देना दुर्भाग्यपूर्ण एवं असंवैधानिक, कार्रवाई होनी चाहिए: सुनिल कुमार 'राउत'
बगहा:- *जाति धर्म के आधार पर बाँट कर बच्चों शिक्षा देना दुर्भाग्यपूर्ण एवं असंवैधानिक, कार्रवाई होनी चाहिए: सुनिल कुमार 'राउत'*
बगहा दिवाकर कुमार
बगहा प.च:- राज्य के हाजीपुर जिला अंतर्गत जी ए उच्च माध्यमिक (+2) विद्यालय, लालगंज में प्रथम दृष्टया लोकतांत्रिक, संवैधानिक मूल्यों एवं नियमों के विरुद्घ 'जाति धर्म के आधार पर बच्चों को बाँट कर पढ़ाई' का मामला (समाचार पत्र प्रभात खबर में छपी खबर के आधार पर) संज्ञान में आया है जो कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा दुर्भाग्यपूर्ण एवं असंवैधानिक व्यवस्था है। बच्चों को इस प्रकार से अलग बाँट कर शिक्षण कार्य करना चिंताजनक एवं शर्मनाक है। सरकार द्वारा देय विभिन्न योजनाओं को छात्रों तक पहुँच बनाने हेतू विद्यार्थियों की पहचान व सहूलियत के लिए उनके नाम के सामने जाति/धर्म इंगित करना कुछ हद तक/एक सीमा तक तो समझ में आता है लेकिन जाति/ धर्म के आधार पर विद्यालय में पढ़ाई, दलित/अल्पसंख्यक छात्रों का दूसरे जाति की कक्षा में नहीं जाने देने की व्यवस्था, उनके बैठने की अलग अलग व्यवस्था करना समतामूलक समाज में समावेशी शिक्षा एवं संवैधानिक नियमों का सरासर उलंघन है।
सम्बंधित विद्यालय प्रबंधन द्वारा 4 वर्षो से ये व्यवस्था कर रखना प्रथम दृष्टया विद्यालय प्रबंधन के जातिगत अस्पृश्यता, अलगाववाद वाली सोंच, कुत्सित मानसिकता के साथ संवैधानिक नियम के उलंघन को दर्शाता है जो चिंताजनक है।
बिहार राज्य अनुo जाति जनजाति कर्मचारी संघ, बगहा, पश्चिम चम्पारण के मीडिया प्रभारी सह महादलित परिसंघ (राष्ट्रीय) के प्रदेश मीडिया प्रभारी सुनिल कुमार 'राउत' ने इस व्यवस्था पर खेद जताते हुए सोशल मीडिया के मध्याम से विभाग के सम्बंधित पदाधिकारी एवं स्थानीय अनुमंडल तथा जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि सम्बंधित विद्यालय प्रबंधन के इस व्यवस्था पर संज्ञान लेते हुए मामले की जाँच कर उचित कार्रवाई करते हुए समान शिक्षण व्यवस्था लागू कराई जाय एवं तत्कालीन विद्यालय शिक्षा समिति, प्रबंधन को बर्खास्त कर नए सिरे से संवैधानिक कमिटी के चयन हेतू निर्देशित किया जाय ताकि विद्यालय में लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत सभी बच्चों को एक साथ, एक समान शिक्षण की व्यवस्था हो।
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