अंकिता पाल (कानपुर विश्विद्यालय ) जनसंचार जनसंपर्क विभाग
IPL सट्टेबाजी गैरकानूनी पर। फिर भी कोई रोक नही? कानपुर
सरकार के ठोस कदम। आईपीएल जाना माना सट्टेबाजी का। व काला धन का व्यपार है यह जानते हुए भी लोग अछुते नही है जैसा कि आप सब जानते है कि आईपीएल शुरू हो चुका है ना जाने कितने के भांडे फूट चुके है और कितने गिरफ्तार फिर भी सट्टेबाजी से लोग पीछे न हटते यह बेजोरागरों के लिए एक रुपए कमाने का तरीका है इसमें जितना घाटा है उतना ही फायदा इसलिए लोग इसको खेलना पंसद करते है 7 अप्रैल को आईपीएल शुरू हुआ जिसमें दो टीमो ने खेल खेला मुम्बई इंडिया और चेन्नई सुपरकिंग्स औऱ लोगो ने जम कर सटटे लगाए और कुछ जीते तो कुछ लोगो ने अपना घर तक गिरवी रख दिया । चेन्नई सुपरकिंग्स की जीत हुए और दूसरा मैच संडे को पड़ा जो दिन में 4 बजे हुआ पंजाब व दिल्ली के बीच आधा घण्टे पहले टॉस होता है उसमें भी लोग सत्ता लगाते है और उसी शाम 8 बजे कोलकाता बैंगलोर के बीच खेल खेला गया । और आज यानी 9 अप्रैल को सन राइजर हैदराबाद व राजस्थान रॉयल्स के बीच खेल चल रहा । आईपीएल में सैकड़ो लोगो को पैसा नही मिलता। न जने कितने दंगे औऱ लोगो की जान चली जाती है फिर भी सरकार ने कोई रोकथात नही की न ही आईपीएल वैन किया न ही लोगों को कोई मदद की यह जाने माने सेलेब्रिटीज़ तक सट्टा लगते है वो भी टीमो पर ओर फ़्रांचीस भी लेते है जानी मानी प्रीति जिंटा की टीम पंजाब व शरूखान की कोलकाता और अनिल अंबानी की पत्नी नीता अंबानी की मुम्बई इंडिया इन पर भी सरकार कोई ठोस कदम नही उठती तभी न जाने कितनो के सिर से छत उठ जाती है और कुछ आत्महत्या कर लेते है तबभी सरकार बैन नही करती इसमे मजबूत टीम को ज्यादा पैसे देने होते है कमजोर टीम को यह काला धन का बहुत बड़ा व्यपार है मुकाबला चाहे खेल के मैदान पर हो चाहे राजनीति के मंच पर, लाख कोशिशों और उपायों के बावजूद सट्टेबाजी रोकी नहीं जा सकी है. क्रिकेट में एक-एक बॉल और चुनाव में एक-एक वोट पर जहां करोड़ों के वारे न्यारे होते हों तो लगता है कि अब इसे कानूनी वैधता दिए जाने की ओर एक कदम आगे बढ़ाने का समय आ गया है.
बिना लाइसेंस के गुपचुप तरीके से सट्टेबाजी करने वालों पर सख्त सज़ा का प्रावधान भले ही हो लेकिन लाइसेंस धारी को सट्टेबाजी की कानूनी इजाजत दी जा सकती है. यानी सट्टेबाजी करो या ऑनलाइन जुआ खेलो, लेकिन सब कुछ सरकार की निगाहों में होना चाहिए और इन पर लगने वाला टैक्स सरकार को देना ज़रूरी होगा.सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी पर लॉ कमीशन जल्दी ही अपनी सिफारिशें सरकार को भेजने जा रहा है. क्रिकेट में सट्टेबाजी की शिकायतों और मैचों पर इसके विश्वव्यापी असर को देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की पहल की है।।।
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