लेखक - मोहम्मद गुलफाम
छेड़छाड़: रक्षक हो गए भक्षक
एक बहन ने अपने भाईसे पुछा,
अगर मेरे साथकभी छेड़ छाड़ जैसी कोई घटनाहो जाये तो आप क्या करेगे?
भाई ने जवाब दिया...
..."पागल है क्या तेरे साथ ऐसाकुछ होने ही नही दुंगा,
""अगर हो गया तो भाई ??
""एक एक कि जान ले लुगा,
और ऐसा मारुंगा उनक मीनो को कि सारी दुनियायाद रखेगी,
""भाई एक बात पूछु??
""हा हा पूछो ना....
क्या वो आपकी बहनजैसी नही है जिसके साथ ये सब होता है..??
"सर झुका कर भाई ने कहां...
"हां है तो बहन जैसी ही लेकिनबहन सगी तो नही है..
""भाई आप ऐसा कैसे बोलसकते हो...
अगर कल मेरे साथऐसा होता है, तो सभी ऐसा ही सोचेंगें ,
फिर आप अकेले क्या करेंगे......??
"."तुमने सही कहां बहना
...अगर हम सबयही सोचेंगे,
तो हमारी बहनेभी खतरे मे रहेगी,
मुझे माफ कर देना....
"""हमारे कहने मतलबसिर्फ इतना है कि.....
अपने घर की इज्जत बचानी है तो दूसरो के घर की इज्जत को भी अपना समझो,
और ऐसे हर मामलेपर खुल कर विरोध कर पीड़ित का साथ दे..
"""मैं इसकी शुरुआत कर चुकाऔर आप....???
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