प्रिया गुप्ता (कानपुर यूनिवर्सिटी)
महिलाएं कब तक सहेंगी यातनायें।
हमारे समाज मे इतने गिरे हुए लोग है ।कि एक दूसरे का जीना मुस्किल कर दिया है ।आखिर कब तक समाज मे रह रहे लोगों को अत्याचार सहना पड़ेगा ।लडकिया कुछ करे तो गलत है ।अगर वही लड़के करे तो सही है ।ये कहा का इंसाफ है की लडकिया खुद के जीवन मे आजाद नही रह सकती।लड़कियों को हमेशा ये महसूस कराते है की उनकी औकात क्या है इसलिए दिन दहाड़े किसी को धमकी देना ,रेप करना ,ये आज कल आम बात होती जा रहे है। छोटे घटना इतना बड़ा रुप ले लेगी जिसमे जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो ।ऐसे मे हमारे सरकार क्या करे रही है ।दिन -प्रतिदिन हादसा बढ़ता जा रहा है ।सरकार कोई सक्त नियम नही बना रहे जिससे ये सारे हादसे कम हो।लेकिन आज भी कई हादसो के बाद हमारी सरकार कुम्भकरण की नींद सो जायेगे ।आखिर कब तक चलेगा ऐसा ।जिसका हर्जाना देश की जनता को भुगतना पड़ता है ।उन लड़कियो को कब इंसाफ मिलेगा जो बिना वजह खुद की जिंदगी खत्म कर रहे है।सरकार को शख्त से शख्त नियम कानून बनाने चहिये ।जिससे बहुत से लोगों की जिंदगियां बच जाये।
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