रिपोर्ट--मोहित मिश्रा
मनमानी फीस वसूलने के साथ- साथ कमीशन वाली किताबों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया
बांगरमऊ/ उन्नाव
निजी विद्यालयों द्वारा मनमानी फीस वसूलने के साथ- साथ कमीशन वाली किताबों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर अभिभावकों को भारी चूना लगाया जा रहा है।
मालूम हो कि नगर व क्षेत्र के निजी विद्यालय छात्र/ छात्राओं के अभिभावकों से मनमानी फीस लेते आ रहे हैं, इसके साथ ही भारी कमीशन वाली किताबों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर अब उन्हें और चूना लगाया जा रहा है। जहाँ एक ओर सरकारी पाठ्यक्रम की किताबें काफी सस्ती होती हैं वहीँ दूसरी ओर निजी विद्यालयों द्वारा चलाये जा रहे पाठ्यक्रम की किताबें काफी मंहगी हैं जिन्हें खरीदने में छात्र/छात्राओं के अभिभावकों को मोटी रकम चुकानी पड़ रही है। नाम न छापने की शर्त पर कई दुकानदारों ने बताया कि हमें संबंधित विद्यालयों को भी भारी कमीशन देना पड़ता है इसलिए किताबें महंगी पड़ती है। सबसे खास बात यह है कि कुछ निजी विद्यालय अपने पास से ही किताबें, कॉपी व ड्रेस आदि बच्चों को स्वयं देते हैं। बाकी निजी विद्यालयों की दुकानें बंधी हैं। निजी विद्यालयों का कोर्स सिर्फ उन्हीं भारी कमीशन देने वाली दुकानों पर ही मिलेगा। इसलिए सब कुछ जानते हुए भी बच्चों के भविष्य को देखते हुए कमीशन वाली कॉपी, किताबें अभिभावक खरीदने पर मजबूर हैं। शिक्षा विभाग भी इस संबंध में बिल्कुल अन्जान बना है। अभिभावकों में में राम बिहारी वर्मा, फजलुर्रहमान, शमशुल हसन, मोहम्मद अफजाल व सचिन आदि ने छात्र-छात्राओं के अभिभावकों का शोषण करने वाले ऐसे निजी विद्यालयों व संबंधित पुस्तक विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने की मांग जिलाधिकारी से की है।।
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