मुश्किल से बचना सही तरीका नहीं आपके साथ हम है। पर उसका क्या जिसको पता नहीं कि साथ कौन दे गा ।ऐश्वर्या मागे न्याय। अब कोई दूसरी ऐश्वर्या नहीं।
अंकिता पाल (कानपुर विश्वविद्यालय )पत्रकारिता जनसंचार विभाग
मुश्किल से बचना सही तरीका नहीं आपके साथ हम है। पर उसका क्या जिसको पता नहीं कि साथ कौन दे गा ।ऐश्वर्या मागे न्याय। अब कोई दूसरी ऐश्वर्या नहीं।
कानपुर....................... यूनिवर्सिटी की छात्रा ऐश्वर्या शर्मा ने दो शोहदों से छेडछाड़ से परेशान आ कर आत्महत्या कर ली यह खबर 31 जनवरी को उसने अपने एच ओ डी ममता तिवारी को दी लेकिन उन्होंने उसका सेक्शन ए से बदल कर सी कर दिया और छात्र अनिकेत दीक्षित वा अनिकेत पांडेय को 15 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया फिर भी वो छात्र अपनी हरकतों से बाज। ना आए फिर उसने अपने बहन वा पिता की मदद ली और 6 फरवरी को सी ओ कल्याणपुर में शिकायत की पर वहां उसकी फ़ आई आर नहीं की गई फिर वो एच ओ डी के पास गए पर ममता तिवारी ने साफ साफ मना कर दिया ।और 1 अप्रैल को चौकी इंचार्ज ने बयान दर्ज करने को बुलाया फिर समझाया की शिख्यात करने से कोई फायदा नहीं उससी दिन वो घर आ कर आत्महत्या कर ली और 2 अप्रैल को परिवार जनों। वा कॉलेज के विदयार्थियों ने कैंडली मार्च निकल कर कार्डोलेंस दिया और अ अपराधी को पकड़ने की ममता तिवारी को हटने वा चौकी इंचार्ज को फांसी की मांग की 2 अप्रैल को ही यह निलंबित किए गए और 4 अप्रैल को बी सी ए एच ओ डी ममता तिवारी वा चौकी इंचार्ज अनिकेत दीक्षित गिरफ्तार किए गए। फिर भी अनिकेत पांडेय गिरफ्त में नहीं है और अफसरों ने बोला जल्दी ही गिरफ्तार होगा। पर मारना ही एक उपाय नहीं है ऐश्वर्या तो चली गई पर उनके माता पिता। वा परिवार का क्या यह आसान तरीका नहीं की मुस्किलो से भागना सॉल्यूशन तो नहीं यह गलत है । कृपया ऐसा। ना करे यह सूचना अपने विभाग वा पुलिस को दे फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही तो महिला कर्मी 1090 को सूचना दे या फिर प्रेस मीडिया को फौरन दे आपकी कारवाही जरूर होगी।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें