रिपोर्ट-राहुल यादव
*515 आईपीएस अधिकारियों ने नहीं दिया संपत्ति का ब्योरा, हो सकती है कार्रवाई*
कानपुर देहात--
पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों समेत 500 से अधिक आईपीएस अधिकारियों ने वर्ष 2016 के लिए अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है जिससे उन्हें प्रोन्नति से वंचित किया जा सकता है तथा उनकी सतर्कता अनापत्ति रद्द की जा सकती है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। अखिल भारतीय सेवा ( आचार ) नियमावली , 1968 के अनुसार भारतीय पुलिस सेवा के सभी अधिकारियों को हर साल 31 जनवरी तक निर्धारित प्रपत्र में अचल संपत्ति रिटर्न ( आईपीआर ) फाइल करने की जरुरत होती है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि लेकिन 31 मार्च , 2017 तक कुल 3,905 आईपीएस अधिकारियों में से 3,390 आईपीएस अधिकारियों ने ही आईपीआर फाइल की है। आईपीएस अधिकारियों के संपत्ति का ब्योरा नहीं घोषित करने पर गृह मंत्रालय उनके विरुद्ध कार्रवाई कर सकता है।
उसमें प्रोन्नति एवं सतर्कता अनापत्ति से वंचित करना शामिल है। गृह मंत्रालय आईपीएस अधिकारियों के लिए संवर्ग नियंत्रक प्राधिकार है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जो आईपीएस अधिकारी संपत्ति का ब्योरा देने में विफल रहे हैं उनमें पुलिस महानिदेशक , अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक हैं।
इतनी बड़ी संख्या में आईपीएस अधिकारियों द्वारा अपना संपत्ति ब्योरा नहीं देने की विचित्र स्थिति से जूझ रहे गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों एवं संघशासित प्रदेश प्रशासनों से ऐसे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने को कहा है। जनसेवक ( संपत्तियों एवं देनदारियों के बारे में सूचना एवं वार्षिक रिटर्न देना तथा रिटर्न फाईल करने में संपत्तियों में छूट की सीमा ) संशोधन नियमावली , 2014 के अनुसार केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को प्रोपर्टी रिटर्न फाइल करना होता है।
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