सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

उच्च पदों पर आसीन होने के बाद व्यक्ति को अपनी जड़ों और अतीत से नहीं अलग होना चाहिए: आशीष पटेल


रिपोर्ट - मान सिंह


उच्च पदों पर आसीन होने के बाद व्यक्ति को अपनी जड़ों और अतीत से नहीं अलग होना चाहिए: आशीष पटेल





बीघापुर,उन्नाव ।

कहते हैं सफलता सुविधाओं की मोहताज नहीं होती सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से ही अर्जित की जाती है ।इस कथन को चरितार्थ किया है पुरवा ब्लाक के अंतर्गत ग्रामसभा चमियानी के मजरे ईशापुर निवासी आशीष कुमार पटेल ने 2017 की आई ए एस परीक्षा के परिणाम में उन्होंने बाजी मार कर न सिर्फ जनपद का नाम रोशन किया बल्कि समाज और समाज के सुविधाहीन छात्रों के लिए एक मिसाल भी कायम की है ।आशीष कुमार बताते हैं कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही जय किसान विद्यालय से  हुई । 2002 में हाई स्कूल सुभाष इंटर कॉलेज पहाड़पुर से और उसके बाद इंटरमीडिएट की परीक्षा के एन पी एन इंटर कॉलेज मौरावाँ से तथा 2005 में डीएस लएन कॉलेज उन्नाव से बीएससी की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की ।इसके बाद 2006 में बछरावां डिग्री कॉलेज से बी एड की परीक्षा उत्तीर्ण की ।इसी दौरान इतिहास विषय से उन्होंने परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। पारिवारिक पृष्ठभूमि बेहद नाजुक होने के कारण वर्ष 2002 से लेकर वर्ष 2009 तक आशीष पटेल ने उन्नाव की गली-गली घूम कर लोगों के यहां बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का कार्य किया और उससे जो पैसा मिलता था उससे वह अपनी पढ़ाई के लिए खर्च करते थे ।उनका कहना है कि वह 2009 में पूर्व विधायक कृपाशंकर सिंह के सहयोग से कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में उन्हें शिक्षक के तौर पर नियुक्त भी मिल गई परंतु उनका मन इस नौकरी में नहीं लगता था। किताबों में दिन रात रमे रहने वाले उन्नाव की जितनी भी सरकारी लाइब्रेरी हैं सभी के दो-दो कार्ड बनवाकर वह वहां से अपने अध्ययन की सामग्री जुटाते रहते थे उनका कहना है कि लेखन में उनकी राइटिंग अच्छी नहीं थी उनकी माता ने इसके लिए उन्हें लेख सुधार की अच्छी तरह से अभ्यास कराया। वर्ष 2015 में राशि कटियार के साथ उनका विवाह हो गया ।डेढ़ वर्ष की बेटी अरांशी भी है ।यूं तो अभाव में पले-बढ़े आशीष पटेल को सफलता मेहनत और लगन के दम पर सीढ़ी दर सीढ़ी प्राप्त होती रही लेकिन इस सफलता के पीछे वह सारा श्रेय अपने पढ़ने की आदत माता का सहयोग पत्नी का सहयोग और पूर्व विधायक कृपाशंकर सिंह की उत्प्रेरक की भूमिका को ही देते हैं ।वर्ष 2010 में आशीष के पिता सर्वेश कुमार पटेल की मौत भी हो गई वह जय किसान विद्यालय में प्राइवेट शिक्षक के रूप में नौकरी करते थे ।इसी 24 फरवरी को उनके छोटे भाई जो लेखपाल थे एक मार्ग दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई जिसके बाद माता  मनोरमा देवी बेहद टूट गईं लेकिन उसके बाद भी वे बच्चों के भविष्य को लेकर जागरूक रहीं।आशीष का एक छोटा भाई अभय जो वर्तमान में यूजीसी नेट हिंदी से कर रहा है ।मां मनोरमा देवी कुशल ग्रहणी हैं इन सब घटना दुर्घटनाओं के बाद भी उन्होंने बच्चों के भविष्य के लिए जिस तरह से साहस के साथ उनकी पढ़ाई में सहयोग किया योगदान दिया वह समाज के लिए एक आदर्श नारी के रूप में उभरकर सामने आई हैं ।आशीष पटेल वर्तमान में दिल्ली में कस्टम निरीक्षक के पद पर तैनात हैं उनका कहना है कि उच्च पदों पर आसीन होने के बाद  कुछ लोग अपनी जड़ों से कट जाते हैं,अपने अतीत को भूल जाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए हमें अपनी जड़ों अपने समाज और अपने अतीत के साथ जुड़े रहकर देश और समाज का मान बढ़ाना चाहिए और समाज के दबे कुचले लोगों की सहायता करनी चाहिए।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नशे की गिरफ्त में युवा, जगह-जगह स्लोचन व व्हाइटनर का नशा करते मिलते बच्चे

नशे की गिरफ्त में युवा, जगह-जगह स्लोचन व व्हाइटनर का नशा करते मिलते बच्चे रिपोर्ट-अमित मिश्रा झाँसी। यह है डिजीटल इंडिया, जहां नशे के सौदागर भारत की युवा पीढ़ी को गर्त में धकेल रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों ने तो नशे के लिए नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं। इनमें साइकिल के पंक्चर बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाला सिल्यूचन व गलत लिखे को हटाने में इस्तेमाल होने वाला व्हाइटनर भी शामिल है। यह नशा उन लोगों में ज्यादा प्रचलित है, जिन्हें नशा तो करना है, मगर उनके पास पैसे नहीं होते हैं। इनमें घर से भागे नौनिहाल विशेष रूप से शामिल हैं। रात का समय हो या फिर दिन का समय रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व अन्य चौराहों पर इस घातक नशे की गिरफ्त में पूरी तरह आ चुके ये नौनिहाल अस्त-व्यस्त हालत में मिल जाएंगे। बीस से 30 रुपए में मिल जाता है एक ट्यूब दिन भर किसी होटल, ढाबे पर काम करने अथवा भीख मांग कर जो पैसा कमाते हैं, उस पैसे से ये किशोर सिल्यूचन व व्हाइटनर का ट्यूब खरीद लेते हैं और कपड़े में उस टयूब को लगाकर मुंह व नाक से उसे सूंघते हैं। इससे नशा हो जाता है। यह टयूब उन्हें कहीं भी महज 20 से 30 रूपए में आसानी स

सीतापुर अटरिया थाना क्षेत्र के ग्रांड गांव मजरा धारा नगर नील गांव के एक घर में 40 वर्षीय महिला सीमा पत्नी राम नरेश का शव उसके निजी भवन की चारपाई पर मिला

रिपोर्टर-श्री राम सविता सीतापुर अटरिया थाना क्षेत्र के ग्रांड गांव मजरा धारा नगर नील गांव के एक घर में 40 वर्षीय महिला सीमा पत्नी राम नरेश का शव उसके निजी भवन की चारपाई पर मिला । जानकारी के अनुसार उसका गला रेतकर हत्या की गई है हत्या की सूचना से गांव में सनसनी है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौके से साक्ष्य जुटाने में लग गए हैं। अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सीतापुर सिधौली के अटरिया थाना क्षेत्र मैं बीती रात को ग्रांट गांव मजरा धारानगर नीलगांव में अज्ञात लोगों द्वारा एक महिला का कत्ल कर दिया गया। जिसका नाम सीमा पति का नाम रामनरेश है उम्र लगभग 40 वर्ष ,एक लड़का उम्र 18,दो लड़कियां 12,8 वर्ष। पति मौके पर नही मिला ये लोग लखनऊ में मजदूरी का कार्य करते थे कुछ समय पहले गांव आये थे। पुलिस मौके पर पहुँच कर पूछ ताछ कर अपराधी की तलाश में जुटी बताया जाता है कि बुधवार की शाम को महिला को लोगों ने सकुशल देखा था घटना को बीती रात को ही अंजाम दिया गया बृहस्पतिवार कि सुबह महिला का सव चारपाई पर लहूलुहान हालत में देख होश

भितहा पुलिस ने दो वारंटी में एक महिला गिरफ्तार कर जेल भेजा।

भितहा:- भितहा पुलिस ने दो वारंटी में एक महिला गिरफ्तार कर जेल भेजा। बगहा संवाददाता दिवाकर कुमार बगहा/भितहा(08 अगस्त2018):- बगहा पुलिस जिला के अंतर्गत भितहा थाना क्षेत्र से छापेमारी के दौरान दो वारंटी को गिरफ्तार किया गया है । थानाध्यक्ष दिनेश कुमार दास ने बताया कि दो अलग अलग वारंटी योगेंद्र कुशवाहा पिता रामानंद कुशवाहा ग्राम छोटकी रूपहि एवं स्थायी वारंटी कौशल्या देवी पिता सीताराम ग्राम खापटोला दोनो थाना भितहा को न्यायिक हिरासत में बगहा न्यायालय भेजा जा रहा है ।