सबका साथ - सबका विकास ?
अर्थात 125 करोड़ हिन्दुस्तानी को विकास के समान अवसर?
एक तरफ गुजरात सरकार सभी गुजराती प्राइवेट कंपनियों के लिए नियम ला रही है कि किसी भी उद्योग या कंपनी में कम से कम 75 प्रतिशत गुजराती लोगों को ही नौकरी पर रखे । दूसरी ओर उत्तर भारतीयों पर हमले हो रहे है, उन्हें भगाया जा रहा है। कहीं दोनों बातों में आपस में कोई सम्बन्ध तो नहीं?
यह सीन मुहम्मद ग़ज़नी के आक्रमण के ख़ौफ से भागते हुये लोगों का नही है। न ही बाबर ने राणा साँगा के विरुद्ध जंग का ऐलान किया है और राणा की फौज पीछे हट रही है। यह दृश्य है आज़ाद भारत के 72 सालों बाद देश के सबसे विकसित (?) प्रदेश गुजरात का। जहाँ से बिहार, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के हिन्दी भाषी मेहनतकश ज़बरदस्ती हिंसा करके भगाये जा रहे हैं।
छद्म हिन्दू राष्ट्रवाद के तले अपने ही देश के भीतर एक प्रदेश के लोग दूसरे प्रदेशों के लोगों को खदेड़ रहे हैं।
यह मोदी / शाह / रूपानी / संघी / बजरंगियों के उस गिरोह की कारस्तानी है जिन्होंने पिछले 4 सालों में मुल्क को जहन्नुम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मगर कांग्रेस भी कम दोषी नहीं, इसी कांग्रेस ने इन्हें पनपने दिया। कांग्रेस के शासन में गुजरात हिन्दुत्व की प्रयोगशाला बनना शुरू हुआ, कांग्रेस आंख बन्द किये संरक्षण देती रही। नतीजा कांग्रेस के साथ आम आदमी को भी भुगतना पड़ रहा है।
इनसे भी पतित हमारे राज्य के नेता और इनके समर्थक वे लोग हैं जो आज भी इसे इनको दोषी नहीं मान रहे और न ही अपने प्रदेश के भाइयों के समर्थन में आगे आरहे हैं।
ग़रीब बेचारे मज़दूरों पर क्या बीत रही होगी, इसकी कल्पना भी नहीं की सकती। अपने अपने वतन से लगभग दो तीन हज़ार किलोमीटर दूर, चालीस से पचास घंटों का दीनदयालु बोगी मे कष्टकारी सफर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना अलग।
स्थानीय संसाधनों की कमी और सुख सुवीधाओं से वंचित,अधिकांश लोगों की आजीविका के लिए अपना घरबार छोड़ कर अपने ही देश के किसी अन्य नगर, प्रदेश में जाने की मजबूरी और फिर वहाँ से भयाक्रांत भागने की मजबूरी।
अशिक्षा, ग़रीबी, सामाजिक और राजनीतिक शोषण के मारे अभागों के लिए यह अपना देश है या बेगाना? उनका क़ुसूर क्या है, कोई बतायेगा?
कहां है,"सबका साथ - सबका विकास ?"
कहाँ हैं 125 करोड़ हिन्दुस्तानी को विकास के समान अवसर?
अब तो भुक्तभोगी देशवासियों की आंखें खुल जानी चाहिए !
सैयद शहनशाह हैदर आब्दी
समाजवादी चिंतक - झांसी।
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