जन्मदिन पर विशेष: पूर्व राष्ट्रपति मरहूम अब्दुल फाकिर ज़ैनुलआब्दीन कलाम की 87 वीं जयंती पर उनके प्रेरणादायक विचार:
मिसाइलमैन के नाम से जाने -जाने वाले एपीजे अब्दुल कलाम की आज 87 वीं जयंती है। वे भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्हें साल 2002 में भारत का राष्ट्रपति बनाया गया था। वहीं, पांच वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद वे वापस शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा में लौट आए थे।
पूर्व राष्ट्रपति कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को वे आईआई एम शिलॉन्ग में लेक्चर देने गए थे, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।
यहां पढ़ें उनके कुछ प्रेरणादायक विचार:
आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है।
जीवन में फेल होते हैं तो कभी हार न मानें क्योंकि फेल (FAIL) मतलब फर्स्ट अटैम्प्ट इन लर्निंग होता है।
अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले आपको सूरज की तरह तपना होगा।
इंतज़ार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको नींद ही नहीं आने दें।
चलो हम अपना आज क़ुर्बान करते हैं जिससे हमारे बच्चों को बेहतर कल मिले।
अल्लाह उसी की मदद करता है जो कड़ी मेहनत करते हैं, यह सिद्धान्त स्पष्ट होना चाहिए।
हमें हार नहीं माननी चाहिए और समस्याओं को हम पर हावी नहीं होने देना चाहिए।
कलाम साहब को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम शिक्षित होकर निस्वार्थ भाव से देश और समाज के समग्र विकास के लिऐ कुछ तो योगदान दें।
कलाम साहब को हज़ारों सलाम।
सैयद शहनशाह हैदर आब्दी
समाजवादी चिंतक - झांसी।
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