जितेन्दर पांचाल की रिपोर्ट
इस अस्पताल में डॉक्टर आते नहीं।
हर तरफ गंदगी का अंबार है।
बरसात के दिनों में पानी यहां आ जाता है। दरवाजे खिड़कियां टूटी हुई हैं। अधिकारी आते हैं, चले जाते है
कोई सुनवाई नहीं है
मथुरा। आम जनता के लिए शुरू होने वाली योजनाएं प्रशासनिक और राजनीतिक उपेक्षाओं के चलते किस तरह उलटे मुंह गिरती हैं यह किसी से छिपा नहीं है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है कान्हा की नगरी मथुरा के सहार में जब लाखों रुपए की लागत से बने स्वास्थ्य केंद्र का जो कि अपनी बद्हाली पर आंसू बहा रहा है और अधिकारी हैं
कि स्टाफ का रोना रो कर सरकार की बेहतर स्वास्थ्य देने की योजना को पलीता लगा रहे हैं।
सालों से नहीं आये डॉक्टर
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की बात करते हो लेकिन धरातल पर सच्चाई कभी किसी से नहीं छुपी है। जब टीम स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने के लिए निकली तो सचाई खुद व् खुद सामने आ गयी सबसे पहले हमारी टीम ने जायजा लिया
मथुरा से करीब 26 किलो मीटर दुर सहार गांव में बने
स्वास्थ्य केंद्र का तो स्वास्थ्य सेवाओं और केंद्रों की हकीकत सामने आ गयी। सहार गांव में बना स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर नौ नौ आंसू बहा रहा है और यहां लोग अपने पशुओं को लाकर बांधे जाते हैं
मथुरा: ग्राम पंचायत सहार स्वास्थ्य उपकेंद्र पर वर्षों से नही आये डॉक्टर।
हर तरफ गंदगी का अंबार है।
बरसात के दिनों में पानी यहां आ जाता है। दरवाजे खिड़कियां टूटी हुई हैं। अधिकारी आते हैं, चले जाते है
कोई सुनवाई नहीं है
मथुरा। आम जनता के लिए शुरू होने वाली योजनाएं प्रशासनिक और राजनीतिक उपेक्षाओं के चलते किस तरह उलटे मुंह गिरती हैं यह किसी से छिपा नहीं है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है कान्हा की नगरी मथुरा के सहार में जब लाखों रुपए की लागत से बने स्वास्थ्य केंद्र का जो कि अपनी बद्हाली पर आंसू बहा रहा है और अधिकारी हैं
कि स्टाफ का रोना रो कर सरकार की बेहतर स्वास्थ्य देने की योजना को पलीता लगा रहे हैं।
सालों से नहीं आये डॉक्टर
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की बात करते हो लेकिन धरातल पर सच्चाई कभी किसी से नहीं छुपी है। जब टीम स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने के लिए निकली तो सचाई खुद व् खुद सामने आ गयी सबसे पहले हमारी टीम ने जायजा लिया
मथुरा से करीब 26 किलो मीटर दुर सहार गांव में बने
स्वास्थ्य केंद्र का तो स्वास्थ्य सेवाओं और केंद्रों की हकीकत सामने आ गयी। सहार गांव में बना स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर नौ नौ आंसू बहा रहा है और यहां लोग अपने पशुओं को लाकर बांधे जाते हैं
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