कभी -कभी अजीब सी वाक्या घटित होती है जो आदमी को अचंभित कर देती है और आंखें खुली की खुली रह जाती हैं।
बगहा:-कभी -कभी अजीब सी वाक्या घटित होती है जो आदमी को अचंभित कर देती है और आंखें खुली की खुली रह जाती हैं।
बगहा संवाददाता दिवाकर कुमार
बगहा:-बगहा नगर के नैतिक जागरण मंच के सचिव निप्पू कुमार पाठक ने बताया कि आदमी पर ईश्वर की कृपा कब हो जाती है और वह अपने अनोखे अजूबे व्यवहार से लोगों का मन जीत लेता है। यह कहना बड़ा मुश्किल है ।आज ऐसे ही वाकया हम लोगों के साथ हुई ।मैं और अभिजीत बाबू एक सर्टिफिकेट के सिलसिले में बुद्धा पीजी कॉलेज कुशीनगर गए हुए थे। लौटने के क्रम में कुछ पौधों को लेने के लिए पडरौना स्थित एक नर्सरी में पहुंचे। पौधों का चयन कर जब पैसे का भुगतान करने लगे ।तब उपस्थित पौधे का संरक्षक मोहम्मद राजू ने यह पूछा कि आप लोग इन पौधों क्या करेंगे ।मैंने कहा कि भाई यह पौधा या तो हम लगाएंगे या फिर जहां आवश्यकता होगी लोगों को दे दिया जाएगा ।हमलोग आजकल पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्ष लगाने की मुहिम चला रहे हैं ।जैसे मोहम्मद राजू ने यह सुना । उसने उन पौधों को बहुत ही किफायती दाम पर हम लोगों को दिया और जाते वक्त जब मैंने कहा कि मोहम्मद भाई क्या आप हमें कोई अपनी पौधेशाले की कोई निशानी नहीं दीजिएगा। कोई तुलसी का पौधा हो तो हमें दीजिए ।उसने कहा कि यह तुलसी का पौधा मुफ्त बांटता हूं। मैं जाति का मुसलमान हूं फिर भी गोपालगंज से एक ब्राह्मण बुलाकर मैं कार्तिक महीने में तुलसी का विवाह करता हूं। मैं छठ व्रत करता हूं। भगवान विष्णु और शंकर की पूजा भी करता हूं। मैं और मुस्लमानों की तरह नहीं हूँ।मैं नमाज भी पढता हूँ। उसने अपने कमरे में रखे हुए भगवान श्री कृष्ण और राधा की मूर्ति दिखाई ।तब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसे ₹50 निकाल कर भगवान को भोग लगाने के लिए दिया ।यह देख कर वह भाव-विभोर उठा उसने एक पॉलिथीन में मुझे जैविक खाद दी और जब मैं घर वापस आने के लिए मोटरसाइकिल पर बैठने लगा, तभी पीछे से आवाज आने लगी। पंडित जी जरा ठहर जाइए। माथे पर तिलक और शिखा देखकर शायद उसने यह अंदाजा लगाया होगा ।आवाज सुनकर मैंने जैसे ही पीछे देखा कि वह नर्सरी का मालिक मोहम्मद रिजवान उर्फ राजू अपने हाथों में गुलाब नाग पुष्प और कई सजावट फूलों को लिए बेहताश दौड़ता आ रहा था। मैं मोटरसाइकिल से उतरा और अभिजीत बाबू को मोटरसाइकिल पकड़ने के लिए कहा। वह पौधों को लाकर हमें देते हुए कहा कि आप इन पौधों को अपने साथ लेते जाइए ।आप इन पौधों को अपने घर पर लगाएंगे कहा कि मैं मुसलमान भले हूं लेकिन मुझे हिंदू देवी देवताओं में भरपूर आस्था है ।उसकी इस व्यवहार ने मुझे और मेरे साथ खड़े अभिजीत बाबू को झकझोर कर रख दिया ।सच तो यह है कि जब भगवान की कृपा हो जाती है तो भक्त बड़े निराले कार्य करने लगते हैं ।मुझे गर्व है उस मोहम्मद राजू। उसके नर्सरी( पौधशाला) झलकियां आपके सामने प्रस्तुत है संसार भक्तों से खाली नहीं है।
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