बजबजाती नालियाँ खोल रही स्वच्छता की पोलअपना सहार
रिपोर्ट - जितेंद्र पांचाल
सहार ।प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत योजना ग्रामीण स्तर पर दम तोड़ती नजर आ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों का हाल इतना बुरा है की गांव की सड़कें हल्की बारिश में भी तालाब का रूप धारण कर लेती हैं और ग्रामीण इन खस्ताहाल सड़कों से न चाहते हुए भी गुजरने को मजबूर होते हैं बताते चलें कि, विकासखंड चौमुहा के नगला नहर सहार से बरसना मार्ग पर घुटने तक भरा जल यह बताने के लिए पर्याप्त है कि, इस गांव में स्वच्छता के प्रति कितनी जागरूकता है और विकासखंड के अधिकारी ग्राम सभा में नियुक्त सफाई कर्मचारी व ग्राम प्रधान द्वारा किस हद तक गांव की स्वच्छता के लिए प्रयास नही किए गए। इस मार्ग पर घुटनों तक भरा पानी और बजबजाती नालियां गांव में स्वच्छता कि कलई तो खोलती हैं साथ ही सफाई कर्मचारियों की निष्क्री कार्यशैली की भी पोल खोलते हैं।वही ग्राम प्रधान द्वारा गांव की साफ सफाई के लिए अवमुक्त धन के बंदर बांट का भी मामला जगजाहिर हो रहा है। ग्रामीणों व स्थानीय लोग के मुताबिक सड़कों पर भरे जल के कारण रोड के दोनों तरफ स्थित मकनो को बारिश के लगभग तीन महीनों में जल भराव के कारण मकान को बंद करना पड़ता है अगर कमरा खुलता भी है तो आने जाने मै परेशानी है जिससे उनके परिवार के आगे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाता है।वहीं राहगीरों को भी प्रतिदिन इस जल भराव के कारण आवागमन में खासी परेशानियों से सामना करना पड़ता है।रोड पर घुटनों तक भरे इस जलभराव में आए दिन स्कूली बच्चे गिरकर चोटिल होते रहते है, तो वही बुजुर्गों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।यहाँ जलभराव का आलम यह है कि इस मार्ग से पैदल निकलना संभव ही नहीं है जबकि साइकिल चालक व मोटरसाइकिल चालकों को गिरने की आशंका हमेशा बनी रहती है
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