दलितों आदिवासियों पर अत्याचार,अस्पतालों की बिगड़ती व्यवस्था, समंती जोर- जुल्म और बढ़ते अपराध की समस्याओं के समाधान के लिए अनुमंडल कार्यालय बगहा के समक्ष भाकपा माले द्वारा किया गया धरना प्रदर्शन।
बगहा:-दलितों आदिवासियों पर अत्याचार,अस्पतालों की बिगड़ती व्यवस्था, समंती जोर- जुल्म और बढ़ते अपराध की समस्याओं के समाधान के लिए अनुमंडल कार्यालय बगहा के समक्ष भाकपा माले द्वारा किया गया धरना प्रदर्शन।
बगहा संवाददाता दिवाकर कुमार
बगहा:-बगहा दो अनुमंडल कार्यालय के समक्ष भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) जिला कमिटी द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया।बगहा अनुमंडल क्षेत्र के मजदूरों,किसानों आदिवासियों के द्वारा भाकपा(माले) के तत्वाधान में अपने विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए धरना दिया गया.जिनकी मुख्य मांग निम्नलिखित है.
पहला- कल 16 जुलाई 2018 को वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के शिवनाहां गांव में पुलिस कर्मियों द्वारा गरीब,दलित,आदिवासी,मजदूर समझकर लाठियों से पिटाई की गई। उन्हें पुलिस द्वारा भाकपा (माले )पार्टी छोड़ने की धमकी दी गई.जो बिल्कुल ही गैर संवैधानिक, गैर लोकतांत्रिक दलित,आदिवासी विरोधी करवाई है इस संबंध में वाल्मीकि नगर थानाध्यक्ष की संलिप्तता की बात भी सामने आ रही है उन पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए.ऐसी ही घटनाएं नौरंगिया लौकरिया आदि थाना क्षेत्रों में आमतौर पर की जा रही है थाना सामंती ताकतों के हाथ की कठपुतली बना हुआ है.
दूसरा 15 जुलाई को बगहा दो पीएससी में डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण प्रसव कराने आयी सबेया- मुशहर टोली की महिला सुनीता देवी की मौत हो गई।इस मामले में अनुपस्थित डॉक्टर और अन्य संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों पर मुकदमे दर्ज किया जाए। मृत महिला के परिजन को 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए।
तीसरा: बगहा नगर के गांधीनगर के दिनेश राम हत्याकांड के सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जाए
चौथा: बगहा एक के कोल्हुआ-चौतरवा गांव जो चौतरवा थाना क्षेत्र में है,वहां गरीब राम अवध राय का घर सामंत नन्हे खान द्वारा 6 जून 2018 को उजाड़ दिया गया. थाना ने एफआईआर दर्ज नहीं किया. 9 जून को आरक्षी अधीक्षक के यहां भी FIR के लिए आवेदन दिया गया. लेकिन आवेदन के आधार पर आज तक एफआईआर दर्ज नहीं हुआ. राम अवध राय के घर उजाड़ने का मुकदमा दर्ज किया जाए.
पांचवां: बगहा महिला थाना कांड संख्या 19/11 में अभियुक्तों को बचाने के लिए आरक्षी उपाधीक्षक के जांच प्रतिवेदन में रानी खातून के गर्भपात के मामले का जिक्र नहीं किया गया है. जबकि चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा गहरे जख्म की रिपोर्ट है. पीड़िता रानी खातून की गर्भपात के बाद खून गिरने से किसी तरह महीनों इलाज के बाद जान बच पायी हैं. अख़बारों में भी उस समय प्रकाशित होते रहा. इस संबंध में आरक्षी अधीक्षक से मिलने के बाद भी उक्त कांड में गर्भपात संबंधित धारा नहीं जोड़ा गया है. उम्र कांड में लीपापोती बंद की जाए और संबंधित धाराओं को जोड़ा जाए.
छठा:- बढ़ते अपराध पर रोक लगाया जाए
मौके पर प्रतिनिधि मंडल के मुरारी प्रसाद, परशुराम यादव,रामचन्द्र राय,
लालबाबू प्रसाद,सरल राम,घेघन राम,पलटू भर, पशुराम यादव,दयानंद त्रिवेदी,वीरेंद्र गुप्ता,राम अवध राय सहित दर्जनों की संख्या में भाकपा माले के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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