यूनुस की मौत को लेकर पुलिस ने मनमाफिक बयानबाजी शुरू की
उन्नाव।
बहुचर्चित माखी कांड में सीबीआइ के प्रमुख गवाह यूनुस की संदिग्ध हालात में मौत को लेकर पुलिस ने फिर मनमाफिक बयानबाजी शुरू कर दी है। बिना जांच और पोस्टमार्टम के ही बता दिया कि गवाह की मौत बीमारी से हुई। पुलिस गवाह की पत्नी के बयान को आधार बनाकर मामले पर धूल डालने की कोशिश में लगी है वहीं दुष्कर्म पीडि़त किशोरी के चाचा ने इसे विरोधियों की साजिश बताते हुए यूनुस के पोस्टमार्टम की मांग उठाई।
पीडि़त किशोरी के पिता की हत्या में सीबीआइ के प्रमुख गवाह यूनुस की 18 अगस्त को संदिग्ध हालात में मौत हो गई और पुलिस को उसकी भनक तक नहीं लग सकी। परिवारीजन को पता था कि वह सीबीआइ का गवाह है, इसके बाद भी पुलिस को सूचना न देकर शव दफना दिया। यह कई सवाल खड़े कर रहा है। पीडि़ता के चाचा ने मामले पर संदेह जता पोस्टमार्टम की मांग उठाई तो पुलिस अपनी लापरवाही छिपाने के लिए मामले पर धूल डालने लगी। सीओ सफीपुर विवेकरंजन राय के मुताबिक यूनुस महीनों से बीमार था। उसके फेफड़ों में इंफेक्शन था, जिससे उसकी मौत हो गई।
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