माध्यमिक संघ के महासचिव द्वारा 'शहीदी दस्ता' भेजकर जान-माल की क्षति पहुँचाने की धमकी देने वाला बयान एक आपराधिक कृत्य, सार्वजिक माफी मांगे अन्यथा होगी कानूनी कार्रवाई : TSUNSS गोपगुट*
बेतिया:- *माध्यमिक संघ के महासचिव द्वारा 'शहीदी दस्ता' भेजकर जान-माल की क्षति पहुँचाने की धमकी देने वाला बयान एक आपराधिक कृत्य, सार्वजिक माफी मांगे अन्यथा होगी कानूनी कार्रवाई : TSUNSS गोपगुट*
रिपोर्ट - मोहम्मद रिजवानबेतिया:- TET STET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ, TSUNSS गोपगुट पश्चिम चम्पारण जिला इकाई सुप्रीम कोर्ट में 'समान काम समान वेतन' मामले की सुनवाई के बाद माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुध्न प्रसाद सिंह द्वारा विडियो जारी कर दिए गए आपत्तिजनक बयान की कड़ी निन्दा करता है। उक्त बातें TSUNSS गोपगुट के जिला सोशल मीडिया प्रभारी सुनिल कुमार 'राउत' ने कही। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव द्वारा दिया गया उक्त बयान गैर जिम्मेदाराना, घोर आपत्तिजनक व निंदनीय है इसकी आलोचना की जाती है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक के हवाले से सुनिल कुमार 'राउत' ने कहा कि - शत्रुघ्न प्रसाद सिंह द्वारा सुप्रीम कोर्ट परिसर से समान काम समान वेतन मामले में संघर्षरत संगठन को खुलेआम 'शहीदी दस्ता' भेजकर जान-माल की क्षति पहुँचाने की धमकी देना, न्यायायिक और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है। TSUNSS गोपगुट संघ का मानना है कि समान काम समान वेतन मामले में चल रहे न्यायिक संघर्ष में सभी सम्बद्ध पक्षों को अपनी अपनी बात रखने का पूर्ण अधिकार है। ऐसे बयान देकर न्यायिक संघर्ष में अवरोध उत्पन्न करते हुए शिक्षकों को विचलित करने का प्रयास करना दुर्भाग्यपूर्ण। मामला सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है और निर्णय सर्वोच्च न्यायालय को करना है। ऐसे में सभी शिक्षक संगठन या समूह अपने से संबंधित तथ्य और पक्ष न्यायालय के समक्ष रख रहे हैं। यह उनका संवैधानिक और न्यायिक अधिकार है। सभी संबंधित पक्षों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा रखना चाहिए और न्याय निर्णय का इंतजार करना चाहिए। परन्तु ऐसे वक्त पर अपने समर्थकों को उकसा कर नियोजित शिक्षकों के बीच खूनी संघर्ष की पृष्ठभूमि बनाकर माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव जो कि सत्ता की राजनीति करने वाले विशुद्ध राजनीतिक व्यक्ति हैं, वो अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहें हैं। संघ के जिलाध्यक्ष चंचल अविनाश ने कहा है कि 'सुप्रीम कोर्ट परिसर में खड़े होकर जिस प्रकार माध्यमिक संघ के महासचिव ने संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभा रहे संगठन के अधिवक्ता का नाम लेने के बाद, खुलेआम जान माल की क्षति पहुँचाने की धमकी दी है और अपने समर्थकों को उकसाया है, यह भारत के संवैधानिक व्यवस्था, लोकतांत्रिक और न्यायिक मूल्यों पर हमला है। इसके साथ हीं यह सर्वोच्च न्यायालय के परिसर में खड़े होकर देश की न्याय व्यवस्था और कानून को खुली चुनौती दी है जो उनके सामंतवादी मानसिकता और नियोजित शिक्षकों के जीत की संभावनाओं से उपजे घृणा को दर्शाता है।' संघ के जिला महासचिव राजेश कुमार राय ने कहा है कि पूर्व सांसद और माध्यमिक संघ नेता 'सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली' को चरितार्थ कर रहे हैं। इन्होंने कभी नियोजित शिक्षकों की भलाई के लिए तो नहीं लड़ा, उल्टे 2015 के आंदोलन, 2017 के मूल्यांकन बहिष्कार से लेकर अब तक हमेशा 3,50,000 लाख नियोजित शिक्षकों के संघर्ष को हतोत्साहित करने का काम किया है। सत्ता से गठजोड़ का आज भी उनके कई नेता बिहार विधान परिषद की शोभा बढ़ा रहे हैं। वहीं संघ के जिला संयोजक सोहन लाल, राज्य कार्यकारिणी सदस्य मोo औरंगजेब रजा, जिला उपाध्यक्ष सुरेश राम, मृत्युंजय पाण्डेय, जिला सचिव कुमार कुंदन, त्रिभुवन पाण्डेय एवं जिला प्रवक्ता शुभ नारायण सोनी ने एक स्वर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट परिसर से दिया गया उनका बयान एक आपराधिक कृत्य है उन्हें सार्वजनिक रूप से और लिखित माफी मांगनी होगी अन्यथा संगठन उनके उपर कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होगा। कोषाध्यक्ष प्रशांत प्रियदर्शी ने कहा कि इस दिशा में अधिवक्ताओं से मिलकर न्यायिक कारवाई की तैयारी की जाएगी। अगर उन्होने माफी नहीं मांगी तो लोकतांत्रिक तरिकों से भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
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