रिपोर्ट जितेन्दार पांचाल जिलाअध्यक्ष मथुरा
लखनऊ । भाजपा के जिम्मेदार लोग भले यह कहें कि राम मंदिर हमारे लिए चुनावी मुद्दा नहीं, आस्था का विषय है लेकिन, सच यही है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव तक अयोध्या और राम मंदिर सुर्खियों में रहेगा। इसके लिए सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली है। हर बार की तरह इसकी अगुआई विश्व हिंदू परिषद (विहिप) करेगा। पांच अक्टूबर को मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों की दिल्ली में होने वाली बैठक से यह सिलसिला शुरू हो जाएगा।
मंदिर के बारे में अगली रणनीति बनेगी
मंदिर निर्माण के संबंध में संतों की दिल्ली बैठक खासी महत्वपूर्ण होगी। इसमें राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती, मध्वाचार्य विश्वेश तीर्थ, सत्यमित्र गिरि, अवधेशानंद गिरि आदि शामिल होंगे। दो दिन पहले लखनऊ आए विहिप के अंतराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा भी था कि दिल्ली की बैठक में संत समाज जो निर्णय करेगा, उसके अनुसार मंदिर के बारे में अगली रणनीति बनेगी। मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के नाते सरकार भले इस मुद्दे पर कुछ न कहे लेकिन, दीपावली के तीन दिन पहले (चार-से छह नवंबर) से अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन कर और 151 मीटर ऊंची भगवान श्रीराम की मूर्ति के शिलान्यास के साथ यह संकेत तो देगी ही कि वह मंदिर मुद्दे पर जनभावनाओं के साथ है। इस बीच पार्टी के कुछ अन्य बड़े नेताओं के दौरे भी प्रस्तावित हैं। मंदिर के लिए बलिदान देने और निर्माण की तारीख घोषित करने जैसे बयानों का क्रम जारी हो चुका है।
तोगडिय़ा के बयान भी सुर्खियां बनेंगे
तोगडिय़ा के बयान भी सुर्खियां बनेंगे
इस बीच 21 अक्टूबर को विहिप के बागी नेता डॉ.प्रवीण तोगडिय़ा की अयोध्या यात्रा और उनके बयान भी सुर्खियां बनेंगे। डॉ. तोगडिय़ा भले ही अब विहिप में न हों पर संगठन में उनसे सहानुभूत हैl
राम मंदिर बीजेपी का चुनावी मुद्दा।
लखनऊ । भाजपा के जिम्मेदार लोग भले यह कहें कि राम मंदिर हमारे लिए चुनावी मुद्दा नहीं, आस्था का विषय है लेकिन, सच यही है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव तक अयोध्या और राम मंदिर सुर्खियों में रहेगा। इसके लिए सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली है। हर बार की तरह इसकी अगुआई विश्व हिंदू परिषद (विहिप) करेगा। पांच अक्टूबर को मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों की दिल्ली में होने वाली बैठक से यह सिलसिला शुरू हो जाएगा।
मंदिर के बारे में अगली रणनीति बनेगी
मंदिर निर्माण के संबंध में संतों की दिल्ली बैठक खासी महत्वपूर्ण होगी। इसमें राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती, मध्वाचार्य विश्वेश तीर्थ, सत्यमित्र गिरि, अवधेशानंद गिरि आदि शामिल होंगे। दो दिन पहले लखनऊ आए विहिप के अंतराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा भी था कि दिल्ली की बैठक में संत समाज जो निर्णय करेगा, उसके अनुसार मंदिर के बारे में अगली रणनीति बनेगी। मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के नाते सरकार भले इस मुद्दे पर कुछ न कहे लेकिन, दीपावली के तीन दिन पहले (चार-से छह नवंबर) से अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन कर और 151 मीटर ऊंची भगवान श्रीराम की मूर्ति के शिलान्यास के साथ यह संकेत तो देगी ही कि वह मंदिर मुद्दे पर जनभावनाओं के साथ है। इस बीच पार्टी के कुछ अन्य बड़े नेताओं के दौरे भी प्रस्तावित हैं। मंदिर के लिए बलिदान देने और निर्माण की तारीख घोषित करने जैसे बयानों का क्रम जारी हो चुका है।
तोगडिय़ा के बयान भी सुर्खियां बनेंगे
तोगडिय़ा के बयान भी सुर्खियां बनेंगे
इस बीच 21 अक्टूबर को विहिप के बागी नेता डॉ.प्रवीण तोगडिय़ा की अयोध्या यात्रा और उनके बयान भी सुर्खियां बनेंगे। डॉ. तोगडिय़ा भले ही अब विहिप में न हों पर संगठन में उनसे सहानुभूत हैl
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