मथुरा दहेज से पीड़ित महिला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय न्याय के लिए पहुंची
रिपोर्टर गोविंदराम सैनी
मथुरा भले ही केंद्र एवं प्रदेश सरकार तथा समाज के मौजूदा लोगों द्वारा दहेज के दानव को जलाने के लिए लाख प्रयास किए जा रहे हो लेकिन दहेज का दानव जलने का नाम नहीं ले रहा है ऐसा ही एक मामला शनिवार को उस समय प्रकाश में आया जब दहेज के चक्कर में घरेलू हिंसा का शिकार एक विवाहिता वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा के कार्यालय पर न्याय की गुहार लगाते हुए पहुंची मिली जानकारी के अनुसार मथुरा के थाना गोवर्धन क्षेत्र के गांव निवासी सीताराम रावत ने अपनी बेटी रानी रावत की शादी विगत 13 मई 2013 को उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती के गांव मुंडेरवा निवासी रामचंद्र के पुत्र शस्त्र धन सिंह से की थी आपको बताते चलें किस वस्तु धन सिंह राजकीय रेलवे पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत था 13 मई 2013 को जब संशोधन सिंह और उसका परिवार बारात लेकर एडिंग स्थित सीता राम रावत के निवास पर आया तो दहेज में स्विफ्ट डिजायर कार न मिलने से नाराज लड़के वालों ने शादी करने से मना कर दिया जिसे लेकर खूब कहासुनी हुई और बाद में पंचायत के माध्यम से किसी तरह रानी रावत और शस्त्र धन सिंह के फेरे डलवाई जा सके आपको बता दें कि यह शादी तो किसी तरह पंचायत नहीं करवा दी लेकिन रानी के ससुराली जनों का अतिरिक्त दहेज एवं स्विफ्ट डिजायर कार की मांग करना लगातार जारी रहा और इसी के चलते शुरू हो गया रानी का शोषण और घरेलू हिंसा का सिलसिला रानी के साथ हो रही घरेलू हिंसा को लेकर कई बार पंचायतें भी हुई कहासुनी भी हुई जिसे लेकर शत्रुघ्न सिंह किसी तरह रानी को अपने साथ बनारस ले गया जहां उसकी तैनाती थी किंतु 6 महीने बाद जब रानी 2 माह की गर्भवती थी उसे अपने गांव जिला बस्ती के गांव मुंडेरवा में छोड़ दिया जहां उसके साथ फिर से सौतेला व्यवहार किया जाने लगा पीड़िता रानी रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके जेट राकेश और राजेश एवं जेठानी पारो एवं मिश्रा तथा देवर अर्जुन उसके साथ अतिरिक्त दहेज एवं स्विफ्ट डिजायर कार की मांग करते हुए मारपीट किया करते थे साथ ही जब वह 2 माह की गर्भवती थी तो इलाज के अभाव में अप्रैल 2014 में उसका 2 माह का गर्भ भी गिर गया पीड़िता ने जानकारी देते हुए बताया इस दौरान उसका पति उससे तलाक की पेशकश करने लगा और उसने कहा कि वह उसके छोटे भाई अर्जुन के साथ शादी कर ले और उसे तलाक दे दे इसी दौरान उसके देवर अर्जुन ने अपने बड़े भाई शस्त्रों धन सिंह की शह पर उसके साथ जबरदस्ती दुराचार करने का प्रयास किया और इस घटना में पीड़िता शोर शराबा मचाकर मौके पर इकट्ठे हुए पड़ोसियों की मदद से किसी तरह अपने आप को बचा पाई आपको बता दें कि विगत 8 जनवरी 2018 को पीड़िता ने इसकी शिकायत राज्य महिला आयोग में भी की थी जिसके बाद विगत 6 जून 2018 को आरोपी शत्रुघन सिंह ने यह कहकर राजीनामा कर लिया कि वह उसे अपने साथ अपनी पोस्टिंग पर निहालगढ़ ले जाएगा किंतु राजीनामा हो जाने के बाद वह उसे कहीं नहीं ले गया और जुलाई 2018 के दौरान आरोपी शत्रुघ्न सिंह अपने तीनो भाई राजेश राकेश एवं अर्जुन के साथ उसे बोलेरो गाड़ी में डालकर ले आए और एडिंग के बस अड्डे पर छोड़ दिया एक स्त्री को बोलेरो से इस तरह धक्का मारते हुए देखकर जब स्थानीय लोगों ने उनसे कहासुनी की तो आरोपी गढ़ बोलेरो में बैठ कर मौके से फरार हो गए अब पीड़िता न्याय की गुहार लगाते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा बबलू कुमार की चौखट पर आई है ता के आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जा सके लेकिन अब देखना यह होगा कि क्या दहेज जैसी कुप्रथा को कुचलने का सरकार का दावा कहां तक पूरा होता है अथवा और वीरानियां दहेज के दानव की बलि चढ़ती रहेंगी।
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