बेतिया:- मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत सवारी वाहनों हेतु 1 लाख रूपये तक का अनुदान।
रिपोर्ट- मोहम्मद रिजवान
बेतिया:-
दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन के विकास, वहां रहने वाले लोगों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने तथा ऐसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से राज्य सरकार के परिवहन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत 4 सीट से लेकर 10 सीट तक के नए सवारी वाहनों की खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम एक लाख रुपए तक का अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। खरीदे गए वाहन का परिचालन पंचायत से प्रखंड मुख्यालय तक किया जाएगा। जिला पदाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, डा0 निलेश रामचंद्र देवरे ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को दिलाने हेतु लाभुकों का प्रस्ताव भेजने हेतु निदेश दिया है।उन्होंने कहा कि गरीब लोगों के उत्थान हेतु राज्य सरकार द्वारा एक अत्यंत ही महत्वाकांक्षी योजना लागू की गयी है। इस योजना से अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलायी जायेगी। वे समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
इस बैठक में डीएम, डीडीसी, डीआईआर, डीटीओ, एसडीओ, बेतिया, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अधीन प्रत्येक पंचायत के लिए अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के तीन तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग के दो लाभुकों को सवारी वाहन खरीद हेतु अनुदान दिया जाएगा। अनुदान की राशि वाहन की खरीद मूल्य (वाहन का एक्स-शोरूम मूल्य, तृतीय पक्ष बीमा एवं वाहन टैक्स तीनों को जोड़कर) के 50 प्रतिशत तक की राशि अथवा अधिकतम एक लाख रुपए होगी।निर्धारित वर्ग के लाभुक की उम्र आमंत्रण की तिथि को 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए एवं उनके पास कम से कम हल्के मोटर यान के चालक की अनुज्ञप्ति होनी चाहिए । किसी सरकारी सेवा में नियोजित या पूर्व से किसी व्यवसायिक वाहन के मालिक इस योजना के लिए योग्य नहीं होंगे। किसी भी पंचायत के लिए लाभ प्राप्त करने हेतु लाभुक को उस पंचायत का निवासी होना अनिवार्य है। प्राप्त आवेदनों के आधार पर लाभुकों का चयन द्विस्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय समिति ,जिसमें प्रखंड कल्याण पदाधिकारी सदस्य सचिव तथा ग्रामपंचायत पर्यवेक्षक सदस्य के रूप में होंगे। प्रखंड स्तरीय समिति वरीयता सूची को विचारोपरान्त अनुमंडल स्तरीय समिति को अंतिम चयन हेतु अनुशंसित करेगी।अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अनुमंडल स्तरीय समिति में अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी सदस्य सचिव, कार्यपालक दंडाधिकारी सदस्य एवं मोटर यान निरीक्षक विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में रहेंगे। अनुमंडल स्तरीय समिति द्वारा आवेदनों पर विचार कर रिक्ति एवं योग्यता के अनुसार लाभुकों के चयन को स्वीकृति दी जाएगी। स्वीकृत लाभुकों की सूची एवं प्रतीक्षा सूची को प्रखंड कार्यालय में प्रकाशित किया जाएगा । प्राप्त आपत्तियों की सुनवाई अनुमंडल स्तरीय समिति के द्वारा की जायेगी। प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा चयनित लाभुकों को स्वीकृति पत्र निर्गत किया जाएगा।अनुमंडलीय समिति द्वारा अंतिम रूप से चयनित तथा स्वीकृति पत्र प्राप्त लाभुक अपनी स्वेच्छा से निर्धारित मॉडल का कोटेशन वाहनों के अधिकृत डीलर से प्राप्त कर प्रखंड कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। लाभुक को यह अधिकार होगा कि वित्त पोषण हेतु मान्यता प्राप्त बैंक या वित्तीय संस्था का चयन वह स्वयं करे। यदि इस मामले में लाभुक को कोई कठिनाई होगी तो संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी उस क्षेत्र के व्यवसायिक बैंक या अन्य मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थान से वित्त पोषण हेतु पहल करेंगे।
जिला स्तर पर इस योजना का अनुश्रवण जिला पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा। इस योजना की निरंतर समीक्षा एवं इससे संबंधित किसी भी विवाद की सुनवाई हेतु जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की जाएगी, जिसमें उप विकास आयुक्त, जिला परिवहन पदाधिकारी एवं अग्रणी बैंक जिला प्रबंधक सदस्य के रूप में तथा जिला कल्याण पदाधिकारी सदस्य सचिव के रूप में रहेंगे। विवाद की स्थिति में जिला पदाधिकारी का निर्णय अंतिम माना जाएगा।योजना के तहत खरीद गए वाहन को लाभुक द्वारा 5 वर्ष तक बिना अनुमंडल पदाधिकारी की लिखित स्वीकृति के बिक्री नहीं किया जा सकेगा। वाहन पारिवारिक उत्तराधिकार के तहत हस्तांतरित हो सकेगा।
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