सीओ छाता को जांच में लापरवाही बरतने पर 6 माह कैद की सजा 1 हजार रुपये जुर्माना
रिपोर्ट:- गोविंदराम सैनी
मथुरा। पाॅक्सो कोर्ट ने एक मामले में आरोपी की गिरफ्तारी न होने, जांच में लापरवाही बरतने तथा वादी द्वारा विवेचक पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर कड़ा रूख अपनाया है। गुरूवार को अदालत ने विवेचना कर रहे सीओ छाता चंद्रधर गौड़ को छह माह का कारावास तथा अर्थदंड की सजा सुनाई। सीओ को कार्यमुक्त करने के लिए गृहसचिव को पत्र लिखा गया है।
मामला छाता थाने का है। यहां वादी द्वारा न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया कि जिसमें उसने कहा कि मुकदमें में गवाह सुंदर व मानो उसे डरा धमकाकर राजीनामा करने व जान से मारने की धमकी दे रहे है। वादी ने कहा कि उसने सीआरपीसी 161 के बयान में विवेचक को उस पुलिसकर्मी का नाम बताया जिसने उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। लेकिन जांच अधिकारी ने उस पुलिस कर्मी को बचाने के लिए उसके गलत बयान दर्ज कर लिए।
इस मामले मेें कोर्ट ने 18 सितंबर को सीओ छाता चंद्रधर गौड़ को आदेश दिया कि वो अभियुक्त ईश्वर दयाल को तुरंत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करें। वादी का 161 का बयान एक बार फिर दर्ज करें और इसकी आॅडियो वीडियो रिकाॅर्डिंग करें।
इस मामले में गुरूवार को सीओ को न्यायालय ने तलब किया। न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सीओ छाता चंद्रधर गौड़ पर दोष सिद्ध होने के बाद उन्हें 6 माह का कारावास और एक हजार रूपया अर्थदंड की सजा सुनाई। आदेश में कहा गया कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में 10 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। इस आदेश के अनुपालन के लिए गृहसचिव को पत्र लिखने का आदेश दिया गया है ताकि सीओ को कार्यमुक्त किया जा सके। इसके बाद उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार एनबीडब्लू जारी किए जाएंगे।
पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा उपलब्ध कराएं एसएसपी
कोर्ट ने एसएसपी को आदेशित किया।
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