पत्नी ने अपने ही पत्ती को मां व भाई से पीटवाया
नई दिल्ली से बी. आर. मुराद की रिपोर्ट
नई दिल्ली: पत्नी ने पत्ती को अपने ही परिवार के सदस्यों से पीटवाने में कोई कशर नही छोड़ा जबकि पत्ती शरीफ और पत्नी लड़ाकू विमान जिसने अपने ही पत्ती को पीटवाने के लिए अपनी मां,भाई,ममिया ससुर द्वारा पत्ती को ऐसा पीटवाया कि पत्ती की कमर में गुम चोट लग गई | ओर जब दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की एम्बुलेंस को बुलवाई तो एम्बुलेंस वाले को ससुराल वालो एम्बुलेंस ड्राइवर नितिन को यह बोल कर भगा दिया कि हम इसका इलाज किसी निजी डॉक्टर से करवा देगें | पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ क्योंकि जब एम्बुलेंस चली गई तो ससुराल वाले भी अपने घर उल्टे पैर भाग गए | हम आपको बता दें कि दिनांक 28.11.2004 में बिन्दु पिता विजय कुमार की सुपुत्री से सुरेश कुमार पुत्र बाबू लाल के साथ विवाह हुआ था | विवाह के एक महिने ही पत्नी बिन्दू ने अपने पत्ती सुरेश कुमार से लड़ाई-झगड़ा करना शुरू कर दिया था | तो सुरेश कुमार के खिलाफ निजी कोर्ट में केस डाल दिया था | ओर अपने परिवार से अलग किराए के मकान में पत्नी बिन्दु के साथ रहना पड़ा | लेकिन सुरेश जहां भी रहने जाता तो पन्ती बिन्दु आस-पड़ोस में छोटी- छोटी बातों पर झगड़ा करती थी | इस कारण सुरेश कुमार ने कई मकाम बदल दिये थे | धीरे-धीरे बिन्दु और ज्यादा उग्र होने लगी थी | पत्ती सुरेश कुमार से भी झगड़ा करने लगी जब इस बात की शिकायत बिन्दु के घर वाले से किया तो वह बिन्दु को समझाने की जगह सुरेश कुमार से लड़ने लगे थे | क्योंकि सुरेश के तीन बच्चे हैं | जिसमें दो लड़कियां व एक लड़का है जिसमें से एक लड़की ससुराल में अपनी नानी के पास रहती है | तो दो बच्चे सुरेश कुमार के पास रहते हैं | सुरेश मामले को सुधारने की खूब कोशिश करता है | ताकि झगड़ो में बच्चों की जिंदगी खराब न हो | पर 18.11.2018 को बिन्दु ने छोटी बेटी भूमिका को मारना शुरू किया तो सुरेश कुमार ने छुड़ाने की कोशिश की | पर पत्नी बिन्दु ने मानने के वजाय अपने घर वालो को फोन कर दिया | उसके बाद बिन्दु के घर से मां,भाई व मामा करीब दोपहर 12:30 बजे घर पहुंच गए | ओर थोड़ी ही देर में दरवाजा बंद करके सुरेश कुमार को सभी ने मिलकर खूब पीटा और मकान के बाहर जाकर गली चुप खड़े हों गए | सुरेश कुमार की मार पढ़ने के कारण पीठ में गुम चोट लग गई | जब मेडिकल कराया तो पता चला कि सुरेश कुमार खड़ा होकर चलने में बड़ी मुश्किल हुआ | पर किसी तरह दिल्ली पुलिस को 100 नंबर पर शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने एम्बुलेंस बुलाकर लाई | एम्बुलेंस तो आई लेकिन ससुराल वालों ने एम्बुलेंस ड्राइवर नितिन को यह कहकर भगा दिया कि हम डॉक्टर से दवाई दिलवा देंगे | लेकिन वे लोग एम्बुलेंस जाने के बाद खुद भी चुपचाप चले गए | पर सुरेश कुमार फिर से एम्बुलेंस को फोन किया | उसके सुरेश कुमार ने अपने छोटे भाई राकेश को फोन पर यह बात बताई तो सुरेश कुमार के भाई ने सुरेश कुमार के जीजा दीपक को इस घटना के बारे में बताया जब एम्बुलेंस वाले सुरेश कुमार को एम्बुलेंस मे ले जा रहे थे तो उसी समय जीजा दीपक मौके पर वहां पहुंच गए | पर एम्बुलेंस वालों के साथ वह मुझे एम्स ट्रॉमा सेंटर ले गए जहां डॉक्टरों ने मेरा चैक अप किया तो पीठ में गुम चोट बताई | जब सुरेश कुमार ने मीडिया को बताया कि अब मुझे डर लगने लगा है कहीं मेरे ससुराल वाले किसी दिन जाने अनजाने में मुझे जान से ही न मार डाले | मेरे व मेरे बच्चों के भविष्य को देखते हुए शासन प्रशासन मेरे ससुराल वालों पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करें | ताकि मेरा और मेरे बच्चों का भविष्य सुधर सके |
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