भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित शिवालाय घाट त्रिवेणी धाम में कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरु नानक जयंती के अवसर पर नारायणी गंडकी माता की 55वीं महाआरती का भव्य आयोजन किया गया ।
वाल्मीकिनगर:भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित शिवालाय घाट त्रिवेणी धाम में कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरु नानक जयंती के अवसर पर नारायणी गंडकी माता की 55वीं महाआरती का भव्य आयोजन किया गया ।
(24 नवम्बर2018)
बगहा दिवाकर कुमार
वाल्मीकिनगर:-भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित शिवालाय घाट त्रिवेणी धाम में कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरु नानक जयंती के अवसर पर शुक्रवार की संध्या नारायणी गंडकी माता की 55वीं महाआरती का भव्य आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि चंपारण वेलफेयर ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय कुमार गिरी, विशिष्ट अतिथि सिसवा पत्रकार मंच के संरक्षक प्रताप नारायण जायसवाल, कोटी होम आश्रम नेपाल के पीठाधीश्वर धर्मपाल गुरु वशिष्ट जी महाराज, परमार्थ संस्थान के अध्यक्ष एवं लेखक दिनेश मुखिया, मेयर राजकुमार शर्मा, महाआरती समिति के अध्यक्ष सत्यदेव पांडे, चर्चित कलाकार डी आनंद, हनुमान सेवा समिति के संरक्षक और शिक्षाविद राधेश्याम पांडे,भाजयुमो के पूर्व अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद गुप्त, प्रभात रंजन एवम् उत्तर प्रदेश की नायिका प्रतिभा साहू ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया । पवित्र त्रिवेणी धाम की व्यख्यान करते हुए अपने सम्बोधन में श्री गिरी ने बताया कि इसी संगम स्थल पर गज और ग्राह की लड़ाई हुई थी । याहा गंगा,यमुना और सरस्वती का संगम होता है इसलिए इस संगम की पवित्र धारा में संत महात्मा से लेकर गृहस्थ आश्रम के लोग आस्था की डुबकी लगाते है। उन्होंने बताया कि चंपारण वेलफेयर ट्रस्ट के माध्यम से दिव्यांगों व असहायों की निरंतर सेवा करने हेतु स्वरांजलि सेवा संस्थान को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगी । विशिष्ट अतिथि एवं समाजसेवी श्री जायसवाल ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों में नारायणी गंडकी का नाम सदानीरा है । इसी संगम में शालिग्राम प्रभु पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस मोक्ष दायिनी संगम धारा में स्नान करने से समस्त पापों का क्षय हो जाता हैं ।वही संत श्री वशिष्ठ जी महाराज ने बताया कि भारत नेपाल की संस्कृति की झलक इस कार्यक्रम में मिलती है । यहां तीन नदीयो के साथ -साथ दो देश भारत और नेपाल का भी संगम होता है।इससे दोनों देशों के देशवासियों में आपसी प्रेम व भाईचारा बढ़ता है।आगे उन्होंने बताया कि लेखक कलाकार और संतों के संयुक्त प्रयासों से सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ता मिल रही है । सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय लोक तथा दोहोरी गीत प्रतिष्ठान नेपाल के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहन राज ओझा के नेतृत्व में इस पावन अवसर पर नेपाली गायक नारायण खनाल, गायक तीर्थराज सापकोटा, चंद्रकांत ढकाल, एवं बल बहादुर थापा ने मनभावन प्रस्तुति कर श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया ।
स्वरांजलि सेवा संस्थान एवं कोटि होम आश्रम नेपाल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आगत अतिथियों को विशाल फूलों की माला पहनाकर अंगवस्त्रम एवं नारायणी गंडकी सम्मान द्वारा प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया गया । गायिका आशा साहू ,कुमारी बबीता एवं कुमारी संगीता ने हिंदी नेपाली भजन एवं देवी पचरा प्रस्तुत किया। समाजसेवी एवं गायक डी आनंद ने अपनी सुरीली आवाजो द्वारा त्रिवेणी धाम की महिमा को मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया। नेपाल के संगीत निर्देशक केदारनाथ पांडे, पार्श्व गायक राम श्रेष्ठ की प्रस्तुति पर बार-बार तालियां बजती रही। वाराणसी से आई वरिष्ठ महिला गायिका की शास्त्रीय प्रस्तुति से कृष्ण राधा की भक्ति जीवंत हो उठी । चंपारण के लेखक सच्चिदानंद सौरभ की पुस्तक भारत के समस्त किसान आंदोलन का विमोचन किया गया । कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भारत नेपाल से आए हजारों श्रद्धालुओं ने महाआरती घाट पर डुबकी लगा कर अपने जीवन को धन्य किया । नेपाल पुलिस के इंस्पेक्टर राजू बाबू यादव के नेतृत्व में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे । वाल्मीकि डूंगा तार घाट व्यवस्थापन समिति त्रिवेणी धाम नेपाल द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर श्रद्धालुओं को निशुल्क चितवन जिला स्थित वाल्मीकि आश्रम का दर्शन कराया गया । लेखक दिनेश मुखिया ने संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन तथा प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा हेतु आयोजित इस कार्यक्रम में मानवता और इंसानियत का पैगाम दिया जाता है । गायक प्रभात रंजन ने सर्वधर्म समभाव विषय पर आधारित हिंदी भजन प्रस्तुत करके खूब तालियां बटोरी । इस मौके पर ओमकार कसेरा ,गौरव कुमार, परमार्थ संस्थान के सुरेश यादव, लेखक सुनील पाठक ,बबलू जायसवाल, काठमांडू से आए राजू मल्लाह ,प्रिंस श्रेष्ठ, विजय गौड़, कोटी होम आश्रम नेपाल के अध्यक्ष मोतीलाल ढकाल, सचिव भैरव प्रसाद शर्मा ,लेखक राजेश वैश्य, स्वरांजलि सेवा संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी, एडिटर स्वरांजलि सरगम ,अखिलेश शाह, गायक निर्मल अमात्य, राजेश निगम, नाल वादक शिव चंद्र शर्मा, प्रमोद रौनियार, गायक धर्मराज शर्मा, दिलीप रौनियार, शीतल प्रसाद,एवं जीवन मुक्तानंद सरस्वती जी महाराज मौजूद थे । मंच संचालन डी आनंद ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन समाजसेवी अजय गिरी ने किया। सूर्यास्त के पश्चात संगम तट पर भव्य महा आरती की गयी ।ढोलक झाल मजीरा करताल और शंख ध्वनि से संपूर्ण स्थल नारायणी गंडकी माता की जय गंगा मैया की जय जयकार से गुंजायमान हो उठा । विदित हो कि 6 नवंबर 2014 कार्तिक पूर्णिमा से इस महाआरती कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय क्षेत्र से हुई थी । महाआरती कार्यक्रम के चतुर्थ वर्षगांठ के मौके पर भारत नेपाल मैत्री का संदेश कलाकारों ने एकजुट हो कर दिया ।
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