बगहा:- नगर परिषद क्षेत्र में गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी
रिपोर्ट-दिवाकर कुमार
बगहा : बगहा नगर में शुक्रवार को गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी। नगर परिषद क्षेत्र की महिलाओं और लड़कियों में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह रहा। बगहा में गुरुवार की शाम से ही महिलाओं ने गाय के गोबर से गोवर्द्धन पर्वत, देवता, गाय और बैल आदि की प्रतिरूप तैयार करना शुरू कर दिया था और शुक्रवार की सुबह की शुरुआत से ही गोवर्द्धन पूजा शुरू हुई। नगर क्षेत्र की दर्जनों महिलाएं एक जगह इकट्ठा होकर पूरे विधि-विधान से गोवर्द्धन महाराज की पूजा अर्चना की। इस दौरान महिलाओं ने व्रत रखकर विभिन्न पकवानों व मिष्ठानों का भोग लगाकर सुख,समृद्धि की कामना की। गोवर्द्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। भाई की लंबी आयु के लिए भगवान से प्रार्थना कर बहनों ने भाई को जबरी व मिठाई खिलायी। वहीं भाइयों ने भी बहनों को सामर्थ्य अनुसार उपहार दिया और सदा उनकी रक्षा करने का प्रण लिया। पौराणिक मान्यताओं में यह माना जाता है कि बाल्यकाल में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन के पूरे क्षेत्र को भारी बारिश से बचाया था। इस दिन उन्होंने गोवर्द्धन पर्वत को अपने हाथ की छोटी उंगली पर उठा लिया था। और पूरे वृंदावन गांव को भारी बारिश और तूफान से बचाया था। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने स्वर्ग लोक के राजा भगवान इंद्र को पराजित किया था। उसने वृंदावन धाम के लोगों से कहा था कि इंद्र की पूजा न कर प्रकृतिक की पूजा करें। क्योंकि प्रकृति ही उन्हें सब कुछ देती है। वहीं दूसरी और कायस्थ समुदाय के लोगों ने भी शुक्रवार को चित्रगुप्त महाराज की पूजा-अर्चना कर अपनी खुशहाली की मन्नत मांगी।
रिपोर्ट-दिवाकर कुमार
बगहा : बगहा नगर में शुक्रवार को गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी। नगर परिषद क्षेत्र की महिलाओं और लड़कियों में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह रहा। बगहा में गुरुवार की शाम से ही महिलाओं ने गाय के गोबर से गोवर्द्धन पर्वत, देवता, गाय और बैल आदि की प्रतिरूप तैयार करना शुरू कर दिया था और शुक्रवार की सुबह की शुरुआत से ही गोवर्द्धन पूजा शुरू हुई। नगर क्षेत्र की दर्जनों महिलाएं एक जगह इकट्ठा होकर पूरे विधि-विधान से गोवर्द्धन महाराज की पूजा अर्चना की। इस दौरान महिलाओं ने व्रत रखकर विभिन्न पकवानों व मिष्ठानों का भोग लगाकर सुख,समृद्धि की कामना की। गोवर्द्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। भाई की लंबी आयु के लिए भगवान से प्रार्थना कर बहनों ने भाई को जबरी व मिठाई खिलायी। वहीं भाइयों ने भी बहनों को सामर्थ्य अनुसार उपहार दिया और सदा उनकी रक्षा करने का प्रण लिया। पौराणिक मान्यताओं में यह माना जाता है कि बाल्यकाल में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन के पूरे क्षेत्र को भारी बारिश से बचाया था। इस दिन उन्होंने गोवर्द्धन पर्वत को अपने हाथ की छोटी उंगली पर उठा लिया था। और पूरे वृंदावन गांव को भारी बारिश और तूफान से बचाया था। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने स्वर्ग लोक के राजा भगवान इंद्र को पराजित किया था। उसने वृंदावन धाम के लोगों से कहा था कि इंद्र की पूजा न कर प्रकृतिक की पूजा करें। क्योंकि प्रकृति ही उन्हें सब कुछ देती है। वहीं दूसरी और कायस्थ समुदाय के लोगों ने भी शुक्रवार को चित्रगुप्त महाराज की पूजा-अर्चना कर अपनी खुशहाली की मन्नत मांगी।
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