नमाज वक्त पर पढ़ें,ओर किसी का हक न मारे,मोलाना बकी जाफरी
फरीदाबाद से बी. आर. मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद:मरकज-ए-अलखिजरा.ए.सी.नगर में मोहर्रम की आखिरी ओर अलविदाइ मजलिस का आयोजन किया गया। इस मजलिस को संबोधित करते हुए मोलाना बकी जाफरी ने अकबराबादी ने कहा कि मोहर्रम की चांद रात से लेकर 7 रबि अव्वल की इस मजलिस तक यानी सवा दो महीने के इस अन्तराल में यहां मरकज अलखिजरा और अजाखानये बतूल,और मुकामी मोमिनीन के घरों पर हुई सभी मजलिसे और खास तौर पर सभी जुलूस-ए-हाय मातमी की कामयाबी में मुकीम और बाहर से आये सभी मोमिनीन और मोमिनात का भरपूर ताव्वुन और हिस्सेदारी काबिल-ए-ताजीम रही है।
मोलाना ने लोगों को नसीहत करते हुए कहा कि हमारी इन महनतो और मजलिसों में हिस्सेदारी का फायदा हमें तब ही है जब इससे हमारी जिन्दगी मैं वो सब तब्दीलियां आई या नही कि जिनकी नसीहतें मजलिसे पढ़ते हुएे | हमारे सभी जाकिरीन और जाकिराओं ने हमें कीं। मसलन इस सवा दो महीने के अय्यामे अजा में हम ने आपसी मतभेद कम के या नही अपने भाई भतीजों और अपने अजीजो से मिले रहम करने की शुरुआत करें या हमने किसी की हकतलफी करने से तौबा की या नही नमाज की शुरुआत वक्त की पाबंदी के साथ शूरू की या नही,वालिदैन की खिदमत करने और बच्चों को दीनी तालीम और तरबीयत दिलवाने की तरफ तवज्जो में इजाफा हुआ या नही यानी कुल मिलाकर अमल बिल मारूफ और मुनकिर के मुताबिक अमल करने को हम तैयार हुएे या नही मोलाना ने कहा कि इसका हम सभी ज़ाती तौर पर आत्ममंथन करें | ओर देखें कि यह सब तब्दीलियां हमारी जिंदगी में आई है या नही। अगर हाँ तो हम फायदे में हैं | और अगर ना है तो हम खसारे यानी घाटे में हैं।
मोलाना ने अपने बड़प्पन का इजहार करते हुए कहा कि अगर उनकी नसीहतें लोगों को पसंद ना आई हों तो लोग उनको माफ करने के साथ- साथ उनका मार्ग दर्शन जरूर करें | अन्त में उन्होने कुरआन की आयत वल आखिरो दावाना अल्लहम्दो लिल्लाहे रब्बिल आलेमीन पढ़कर अपना बयान खत्म किया। इससे पहले आजाद हसनैन जैदी अनवर ने मरसिया और शुजात हुसैन ने पेश ख्वानी करके करबला के शहीदो को याद किया। अन्त में आजाद जैदी और महमूद हुसैन ने अलवादाई नोहा भी पढ़ा। इस आखरी मजलिसं का आयोजन मंजर सिरसिवी द्वारा किया गया था। इस अवसर पर तनजीम-उल-मोमिनीन के सदर जनाब नकी हसनैन जैदी,नायब सदर जनाब वसीम रिजवी,प्रवक्ता आजाद हसनैन जैदी,अनवर,मेहदी हसन रिजवी,कैप्टन अनवार,जनाब मैहमूद हुसैन,जनाब रजा हुसैन, जनाब तनवीर,हैदर,मोहम्मद जफर नकवी,परवेज हुसैन ,खुरशीद सिरसिवी,मोहम्मद जफर,और मोहसिन हुसैन,और काफी हजरात मौके पर मौजूद थे |
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