ज़फ़र सिद्दीकी कानपुर विश्वविद्यालय
प्रदूषण में कानपुर के प्रथम स्थान
बधाई हो कानपुर वासियों अपना कानपुर नंबर 1 बन गया है विश्व के कोने कोने में लोग कानपुर को जानने लगे हैं विश्व के लोगों की उत्सुकता बढ़ी है कानपुर के बारे में जानने के लिए कानपुर को देखने के लिए और कानपुर घूमने के लिए हर चौराहे तिराहे पर स्वच्छता अभियान के बैनर यूं ही थोड़ी ना लगे हैं हर रोज अखबारों में झाड़ू लगाते हुए फोटो की तस्वीरें यूं ही थोड़ी ना लगी है या करोड़ों-अरबों के स्वच्छता अभियान के प्रचार की ही बदौलत है और पहले से साफ रोड पर झाड़ू लगाने की मेहनत की बदौलत है कि आज विश्व में प्रदूषण के मामले में हमारा कानपुर नंबर 1 बना है एक बार फिर आए मुबारक हो कानपुर वासियों
अब हमारे शहर शैलानियों की भरमार होगी हर कोई चाहेगा इस प्रदूषित शहर में आने के लिए और देखने के लिए प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए उत्सुकता होगी जानने की आखिर विश्व के सबसे प्रदूषित शहर के लोग कैसे रहते है कैसे कूड़े और धुवे के बीच इनकी जिदगी गुजरती है
और कानपुर शहर प्रवेश करते ही सैलानियों के Facebook पर स्टेटस होगा feeling suffocation at world most polluted city kanpur with two others और साथ मे अपलोड होगी सड़क किनारे कूड़े के ढेर के साथ सेल्फी और पान की पिचकारी से भरा हुआ एक कोना जिसमें लिखा होगा यहां थूकना मना है
ऐसी तस्वीर हमें कानपुर में ही मिलती है इसीलिए इसे कहते है कानपुर
बहुत चिंता की बात है आज हमारा शहर विश्व के प्रदूषित शहरों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है इसके जितने जिम्मेदार यहां के नेता हैं उतने हम भी जिम्मेदार हैं हम खुद तो ना सफाई रखते हैं और ना ही अपने नेताओं से सफाई करवाना चाहते हैं नेताजी रोड साफ करवाएं या ना करवाएं कूड़े हटवाए या ना हटवाए बस हमारी गाड़ी पकड़ जाने पर पुलिश को एक बार अवश्य फोन कर दें और कह दें हमारा आदमी है इसे छोड़ दो इसीलिए हम अपने नेता को वोट देते हैं
गम्भीर समस्या है इतना ज्यादा प्रदूषण होने के बावजूद भी कानपुर के लोगों के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया कोई बदलाव नजर नहीं आया लोग जागरुक नजर नहीं आ रहे हैं शहर के लोग इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं क्या प्रदूषण के कारण मौत का तांडव होने लगेगा तब आंखे खुलेंगी
प्रदूषण रोकथाम के लिए लोग क्यों नहीं निकल रहे है
नेताओं से सवाल क्यों नहीं पूछा जा रहा है कि स्वच्छता अभियान के प्रचार में करोड़ों रुपए खर्च करने वाली सरकार सफाई कर्मियों के रिक्त स्थान को क्यों नहीं भर रही है कानपुर वासियो अभी समय है संभल जाओ अन्यथा आने वाला समय संभलने का मौका नहीं दे रहा।
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