हेमेन्द्र क्षीरसागर, लेखक व विचारक
भाजपा सरकार: राकेश के हाथों शिवराज का राज तिलक।
चौथी बार भाजपा सरकार के मकसद से मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के ऐन पहले सतारूढ भारतीय जनता पार्टी में मुखिया की अदला-बदली के दौर में नंदकुमार सिंह चौहान के बदले हतप्रभ संस्कारधानी जबलपुर के सांसद राकेश सिंह को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की महत्ती जवाबदारी सर्वसम्त सौंपी गई। दायित्व वहान नया चेहरा, नये तेवर और नई उम्मीदों के जरिए सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल का नेक इरादा है। मतलब साफ है सूबे में और एक बार भाजपा सरकार। यानि राकेश के हाथों शिवराज का राज तिलक करने की तैयारी पार्टी ने जोरों से चालु कर दी। बानगी में सहज, जमीनी, अनुभवी और जुझारू नेत्ता राकेश सिंह की ताजपोशी क्यां गुल खिलाती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन पार्टी के हिसाब से चुनाव में बचे कुछेक महिने बहुत महत्तवपूर्ण है। लिहाजा, सरकार का लेखा-जोखा, कीर्तिमान और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अहर्निश सेवा को जन-गण के मन-मन तक पहुंचाने का जिम्मा तो संगठन को निभाना है। उस कडी में राकेश सिंह को कम समय में अधिक परिणाम अपने पक्ष में लाने की अग्नि परीक्षा अव्वल नम्बर में पास करनी पडेगी। तभी राकेश और शिवराज की जुगलीबंदी जोडी नम्बर 1 कहलाएंगी। बतौर, राकेश सिंह की राजनीति बडी साफ-सुथरी और जिम्मेदारी तथा मजबूत संगठनात्मक कौशल रखने वाले व्यक्तिव की रही है। सिलसिले में भाजपा जिला अध्यक्ष ग्रामीण जबलपुर, प्रदेश महामंत्री और महाराष्ट्र संगठन प्रभारी का बखूबी निर्वहन के साथ लोकसभा में दल के चीफ व्हिफ का उल्लेखनीय दायित्व अनुपालन दृष्टिगोचर है। संसदीय नुमाइंदगी में लगातार तीन बार जबलपुर लोकसभा क्षेत्र ने नव आयामों को छुआ जिनमें गोंदिया-जबलपुर ब्राडगेज रेल, हवाई सुविधा, राष्ट्रीय सडक पहुंच मार्ग, शैक्षणिक संस्थाओं, उद्योगों और चिकित्सका सोहलतें उल्लेखित है। ऐसे सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही सिपाही को भाजपा संगठन के मनीषियों की कर्मभूमि कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में दल का सिरमौर बनाना छोटे-छोटे कार्यकर्ता का सम्मान है। जिससे उन में ये संदेश जाएगा कि आज हम जो पार्टी के लिए समर्पित है उसका परिणाम अवश्य सुखदायी होता है, यह राकेश सिंह की नियुक्ति से परिलक्षति है। निश्चित ही एक राजनीति दल के लिए उनके कार्यकर्ता ही पूंजी होते है। उस पर भाजपा खरी उतरती दिखाई दे रही है जहां आज भी कार्यकर्ता भाव से काम करने की पंरपरा कायम है। अभिभूत, परिश्रम की पराकाष्ठा में ऊर्जा का संचार करते हुए जनमानस में अमिट छाप छोडने की बारी दर पर है। दरकार में सत्ता-संगठन का समन्वय मिशन 2018 और 2019 की सफलता का द्योतक होगा। रणभेरी में राकेश की अगुवाई में दल के हमराहों को पथ-पथ में प्राणपण से हरहाल में जुटना पडेगा। अग्निपथ में प्रदेशाध्यक्ष के कांधों पर शिवराज सरकार की अघोषित एंटी इनकंबेंसी जैसे माहौल को खत्म करने की बडी जिम्मेवारी है। साथ निचले व पिछले कार्यकर्ता की रूष्टता और अगले व ऊचले नेता की पुष्टता से पडी दरार को पाटते हुए सभी को साधना होगा, ताकि राजतिलक में कोई खलल ना पडे। सहारे में सबका साथ-सबका विकास के मूलमंत्र को अमलीजामा पहनाने सरकार का नाम और प्रदेश चुनाव अभियान समिति के संयोजक केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का काम हरदम बल देगा| बावजूद डगर में अगर-मगर बहुत सारे है सभी बाधाओं को पार किए बैगर राजतिलक अधूरा रहेगा। वस्तुत: मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनाने के वास्ते बिना हिचक पूर्व 230 विधानसभा प्रत्याशियों में से निष्क्रिय, मौकापरस्त, वंशग्रस्त, धनमस्त, मदहोश और नकारे रौबदार रोडों को हटाकर निष्ठावान, कर्मठ और जनप्रिय साथी को उम्मीदवारी का मौका देना चाहिएा। अतिरेक हर आदमी का मेरी सरकार, मेरे द्वार से सरोकार हो। अलावे संगठन में जान, पहचान, धनवान, बलवान और सत्तावान के दरकिनार कर्मवान को यथास्थान मिले तब कहीं जाकर लाखों कार्यकर्ताओ के दम और जनाशिर्वाद से राकेश के हाथों शिवराज का राजतिलक सराबोर होगा।
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