अंकिता पाल (कानपूर विश्वविद्यालय)
रक्तदान दिवस आज 14 जून
कानपुर:
विश्व रक्तदान दिवस 14 जून को प्रतिवर्ष मनाया जाता है ताकि रक्तदान के बारे में लोगो में जागरूकता आये और रक्तदान से लोग निरोगी हो कैंसर से निजात पाने का यह बेहतर तरीका है वर्ष 2004 में सत्यापित कर रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे मे जागरूक करना । अपरिवर्ततीय रक्त के रूप मे सीधे शिरा से ज्यादातर रक्त ले लिया जाता है । ज्यादातर लाल रक्त कोशिकाओं और प्लाजा में विभाजित किया जाता है रक्त धमनी से रक्त शिरा का प्रयोग किया जाता है ऒर रक्त को मनुष्य के शरीर से निकल कर कर ब्लड बैंक में संचित कर के रखा जाता है द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इससे स्थापना की समस्या से इसको बंद कर दिया गया ।।
हमेशा रक्त दान के कई फायदे भी है वजन घटाने में सहायता मिलती है और नव जवानों के फिटनेस में सहयोग करती है कैलिफोर्निया की एक स्टडी से पता चला कि 450 मिली लीटर रक्तदान करने से आपके शरीर में 650 केलोरी कम हो जायेगी और धयन दे कि आपको कोई बीमारी न हो अपने जाने माने डॉक्टर से चेकअप करने के बाद ही रक्त दान करे । इससे आपका बजन नही घाटे गा बल्कि स्वास्थ्य रहेगा
रक्तदान से नहीं पड़ता शरीर कमजोर।
रक्तदान से कई जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सकती है तो साथ ही इंसानी शरीर के लिए भी यह फायदेमंद है. कुछ लोग के मन में रक्तदान के प्रति गलत जानकारी है. उनका मानना है कि इससे हमारा शरीर कमजोर पड़ जाता है, लेकिन आपको यह जानकारी दे दें कि इससे शरीर में किसी प्रकार का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि मनुष्य के शरीर से निकला खून कुछ ही दिनों में वापस बन जाता है. रक्त का प्लाजमा तो 2 से 3 दिन में वापस बन जाता है. लाल रक्त कोशिकाओं के बनने में लगभग 20 से 59 दिन तक लगते हैं और यह निर्भर करता है कि व्यक्ति कितने अंतराल पर रक्तदान करता रहता है.कौन कर सकते हैं?
रक्तदान करने के लिए 18 से 65 साल की आयु के सभी स्वस्थ जिनका वजन 45 किग्रा और उससे अधिक है वह रक्तदान कर सकते हैं। हेमोक्रोमैटोसिस रोकता है - रक्तदान करने से आप हेमोक्रोमैटोसिस होने के खतरे से खुद को बचा सकते हैं। हेमोक्रोमैटोसिस एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें शरीर जरूरत से ज्यादा लौह (आयरन) का अवशोषण कर लेता है। नियमित रक्तदान से शरीर में आयरन की अतिरिक्त मात्रा अवशोषित नहीं होती है जो हेमोक्रोमैटोसिस से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।।
आपके जानकारी के लिए जानना आवश्यक है कि हमारे देश में हर साल 1 लाख लीटर खून हो जाता है बर्बाद एक अनुमान के मुकाबले 95 लाख भरतीय रक्तदान करते है ब्लड बैंक के पास रखने की जगह न होने के कारण खराब हो जाता है लाखो यूनिट खून बर्बाद होता है साल 2017-18 के तहत बीते 5 बरसो में 28 लाख यूनिट रक्त बर्बाद हुआ है और लीटर मे 6 लाख लीटर दिल्ली मे 9 केंद्र एम सी डी 3 स्वमसेवक 6 निजी अस्पताल 35 और दिल्ली सरकार 11 और अन्य 4 बैंक है ।।और मरीजो को 6 यूनिट की जरूरत हर्ट सर्जरी में पडती है । 100 यूनिट की जरूरत सड़क दुर्घटना मे पडती है । ना जाने कितने ब्लड बैंक बिना लाइसेंस के चल रहैं है ।।
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