सरलता और सहजता की प्रतिमूर्ति हैं समाजसेवी रविशंकर पाठक एवं वाल्मीकिनगर लोकसभा के सांसद सतीश चंद्र दुबे ।
सरलता और सहजता की प्रतिमूर्ति हैं समाजसेवी रविशंकर पाठक एवं वाल्मीकिनगर लोकसभा के सांसद सतीश चंद्र दुबे ।
बगहा संवाददाता दिवाकर कुमार
बगहा(24जून2018):-बगहा नगर के नैतिक जागरण मंच के सचिव व
प्रधानाचार्य निप्पू कुमार पाठक ने कहा कि सच कहा जाए तो सोना इसलिए
श्रेष्ठ माना जाता है कि उसमें कभी जंग नहीं लगता अर्थात वह अपने अस्तित्व
को कभी नहीं खोता ।यानी लोहे की तरह उस पर अकड़ की जंग नहीं लगती ।इसीलिए
जो मनुष्य अपने पद और धन के अहंकार में अपनी सरलता ,मधुरता को अहंकार की
बलिवेदी पर नहीं चढ़ाता है। एक खुशबूदार पुष्प की भांति अपना पराग दूसरों
के लिए लुटाता है। जिसके कारण मधुमक्खियों की उस पर भीड लगी रहती है। ठीक
उसी प्रकार एक सच्चा सामाजिक विद्वान धनवान व्यक्ति सभी व्यक्तियों के लिए
पद धर्म धन का अहंकार त्यागकर कर इतना सरल और सहज बन जाता है कि लोग उसके
इर्द-गिर्द कुछ पाने की लालसा से जुटे रहते हैं। यही स्वभाव मैंने कल श्री
कपिल देव मिश्र जी के घर पर आयोजित शादी समारोह में रविशंकर पाठक और
वाल्मीकिनगर सांसद सतीश चंद्र दुबे के हावभाव में देखा ।यह दोनों
व्यक्तित्व के धनी अपनी सुंदर सरल स्वभाव के कारण सब का चित्र आकर्षित कर
रहे थे। भेंट की झलक आप सभी के लिए प्रेषित है ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें