*इतिहास के छूटे पन्ने!*
उन्नाव: डीह जिसका अर्थ होता है उजड़ा हुआ टीला या वह स्थान जंहा देवताओं की पूजा की जाए। डीह ग्राम सभा जो कि जनपद उन्नाव के ब्लॉक बिछिया की जानी-मानी ग्रामसभा है। जो रायबरेली इलाहाबाद राजमार्ग से सिर्फ 1किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव के कुछ बुजुर्गो से बात करने पर पता चला कि लगभग 1200 वी शदी कि मध्यकालीन बस्ती गढ़ी (किला) सदन कसाई का था । डीह से कुछ मीटर की दूरी पर दूल्हा गढ़(वर्तमान में उजड़ा) है जँहा के लोगो ने नवाबों से नवाबगंज तक लड़ाई लड़ी थी।
*खुदाई से प्राप्त अवशेष*
डीह टीले की खुदाई करने पर लगभग तीस फिट की गहराई पर किले की दीवारें मिली थी जिसकी ईंटे 22"लंबी और 12"चौड़ी थी। कुछ मिट्टी के बर्तन मीलें थे । 50 फिट गहराई पर एक कुआँ मिला था कुछ मूर्तियां मिली थी। जिनमे से एक मूर्ति आठवीं सदी की अदित्यनारायन जी की और एक मूर्ति भैरव जी की मानव आकृति में आज भी डाकघर के बगल में एक मंदिर में स्थापित है।
जनश्रुति के आधार पर -
डीह किले से उन्नाव तक गुप्त आवागमन का मार्ग था। रास्ते मे एक हथगड़ा नाम का टीला है ।23 जुलाई 1941 को संयुक्त प्रान्त आगरा के गवर्नर (सर यारिस हैकेट)के0सी0एस0आई सी0आई0 ने ग्राम सुधार समिति के द्वारा बनवाये गए पंचायत भवन का उद्घाटन किया।
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सूरज जनहित एसोसिएशन ग्राम व पोस्ट डीह जनपद उन्नाव उत्तर प्रदेश- 209801
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