सूरज कुमार (उन्नाव ब्यूरो) की खास रिपोर्ट। दुकानदार कर रहे भारतीय मुद्रा का अपमान। जनपद उन्नाव में जिन सिक्को से कभी लेन-देन किया जाता था, उन्ही सिक्कों की बदौलत छोटे और बड़े सारे आर्थिक काम काज हुआ करते थे। आज उन्ही सिक्कों की स्थिति ऐसी हो गयी है कि उन सिक्को को कोई लेना नही चाहता क्योंकि दुकानदार उन सिक्कों को नही लेते है और यह कहते है कि यह सिक्के बंद हो गए है जबकि सरकार के इस विषय मे कोई दिशा निर्देश नही है। कई दुकानदारों से बात करने पर यह जानकारी प्राप्त हुई कि जो किराना आदि की जितनी भी बड़ी एजेंसी या होलसेल मार्केट है से सभी सिक्कें लेने से साफ मना कर देते है ,जिसकी वजह से हम छोटे दुकानदार भी नही लेते क्योंकि अगर वह हमसे नही लेंगे तो हम माल कहाँ से लाएंगे अगर माल नही लाएंगे तो हमारी रोटी रोजी बंद हो जाएगी। जिससे हमारा परिवार सड़क पर आ जायेगा। दुकानदारों की इस दयनीय हालत को देखने के बाद यह आभास हुआ कि सिक्को के प्रचलन को बंद करने में सभी बड़ी एजेंसी या बड़े होल सेल मार्किट है। सूत्रों के मुताबिक तो यहां तक पता चला है कि कई लोग तो सिक्को को 100 रुपये के सिक्के को 90 रु तक मा